जीएसटी : कोयला पर 5 प्रतिशत कर

विद्युत, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्यमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद सभी करों और शुल्कों का विलय कर दिया गया है;

Update: 2017-08-03 22:03 GMT

नई दिल्ली। विद्युत, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद सभी करों और शुल्कों का विलय कर दिया गया है और कोयला उपभोक्ताओं पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जा रहा है।

गोयल ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) पूर्व व्यवस्था में कोयले पर छह प्रतिशत की दर से उत्पाद शुल्क, प्रति टन कोयला उत्पादन पर 10 रुपये की दर से भंडारण (स्टोइंग) संबंधी उत्पाद शुल्क, पांच प्रतिशत की दर से वैट (राज्य के भीतर होने वाली बिक्री पर) और दो प्रतिशत की दर से केंद्रीय बिक्री दर (अंतर-राज्य बिक्री पर, फॉर्म सी पेश करने पर) अदा करने पड़ते थे।

उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू किए जाने के बाद इन सभी करों और शुल्कों का विलय कर दिया गया है और उपभोक्ताओं पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जा रहा है। 

मंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी से पहले 400 रुपये प्रति टन की दर से स्वच्छ पर्यावरण उपकर लगता था, जिसे समाप्त कर दिया गया है और अब इसके स्थान पर 400 रुपये प्रति टन की दर से एक नया शुल्क लगता है, जिसका नाम जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर है।

हालांकि, इससे पहले स्वच्छ पर्यावरण उपकर (सेस) पर वैट/सीएसटी लगता था, लेकिन अब इस तरह का कोई भी टैक्स जीएसटी भरपाई उपकर पर नहीं लगता है।

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