भूजल स्तर गिरने से हरियाणा ड्राईजोन में, केंद्र पाकिस्तान जा रहा पानी रोके: रोड़
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र आर्य ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान जा रहा पानी रोक कर इसे हरियाणा को देने की मांग की;
चंडीगढ़। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र आर्य ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान जा रहा पानी रोक कर इसे हरियाणा को देने की मांग की है।
आर्य ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सतलुज यमुना सम्पर्क(एसवाईएल) नहर मामले में 1976 में केंद्र ने अधिसूचना जारी कर हरियाणा के लिए 3.5 एमएएफ पानी देने का निर्देश दिया था। इसके तत्काल बाद फिर हुए बटवारे में पंजाब का हिस्सा 4.11 एमएएफ और हरियाणा का हिस्सा 3.5 एमएएफ निर्धारित किया गया। लेकिन 44 वर्ष बीत जाने के बाद भी हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिला है। जिसकी वजह से हरियाणा में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है और समूचा राज्य ड्राई जोन में जा रहा है।
किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान जा रहा पानी को रोक कर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देना सुनिश्चित करना चाहिये। क्योंकि यह पानी पाकिस्तान होते हुये अरब सागर में गिरकर व्यर्थ जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार ढीला रवैया छोड़ कर राज्य के हिस्से का पानी हासिल करने के लिये कानूनी प्रयास तेज करे। उन्होंने पंजाब सरकार को भी नसीहत दी कि जीवन के लिये जरूरी चीजों के लिये राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय और संविधान का मखौल उड़ा रही है। केंद्र और हरियाणा सरकार अगर सकारात्मक और ठोस कदम उठाते हैं तो प्रदेश के सभी किसान संगठन सरकार के साथ खड़े हैं।
आर्य के अनुसार किसान पानी की मांग को लेकर नौ फरवरी को रोहतक से यात्रा शुरू कर भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम होते हुए दिल्ली पहुंच कर धरना देगें। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को उसके एसवाईएल नहर को लेकर दिये गये फैसले पर अमल सुनिश्चित करने के लिये खुद की एक कार्यकारी आदेश देना है जिसकी तारीख मिलते ही हरियाणा के किसान दिल्ली में धरने पर बैठ जायेंगे। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का पानी लाने के लिए हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में जनचेतना अभियान जारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अनुरोध किया कि वह पंजाब सरकार के साथ मुख्यमंत्री और मंत्री स्तर की जल्द वार्ता करें। क्योंकि शीष अदालत ने इस मामले को आपस में बैठ कर निपटाने का पहले ही निर्देश जारी कर चुकी है लेकिन इसके बावजूद दोनों राज्यों की सरकारों के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाये गये और न ही हरियाणा सरकार ने अदालत के फैसले क्रियान्वित करने के लिये कोई कार्रवाई की।
किसान नेता के अनुसार खट्टर को इस सम्बंध में सभी दलों के विधायकों को साथ लेकर एसवाईएल नहर मसले पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलना चाहिए। पानी के लिये लम्बे इंतज़ार और प्रदेश सरकार की ढीली पैरवी के चलते हरियाणा का हर तीसरा किसान मानसिक विकार का शिकार हो रहा है।