ग्रीन नोएडा क्लीन नहीं चौतरफा लगे कचरे के ढेर

अपनी खूबसूरती व हरियाली के लिए एनसीआर के उम्दा शहरों में गिना जाने वाला नोएडा इन दिनों कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है;

Update: 2018-04-18 14:07 GMT

नोएडा।  अपनी खूबसूरती व हरियाली के लिए एनसीआर के उम्दा शहरों में गिना जाने वाला नोएडा इन दिनों कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है। कचरे ने साफ-सुथरे शहर को बदबूदार बना दिया है। आलम यह है कि जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे पड़े है।

इससे फैली गंदगी से लोगों को जीना दुश्वार हो गया है। जिधर देखो वहीं गंदगी के ढेर लगे हैं। दुकान, मकान, पार्क व सड़कों किनारे फैली गंदगी से बदबू उठ रही है। 

लोग घरों से निकलने वाले कूड़े को पॉलीथिन के बैग में मौका देखकर जहां-तहां फेंक रहे हैं। सबसे बुरी स्थिति प्राथमिक कचरे घरों की है। यहा कूड़े के पहाड़ बन चुके है। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन व अन्य सामाजिक संगठनों ने सिटी मजिस्ट्रेट आफिस के बाहर कूड़ा फेंककर विरोध दर्ज किया। यह विरोध प्रदर्शन सेक्टर-123 में प्रस्तावित डंपिंग ग्राउंड के लिए किया गया। किसान व सामाजिक संगठनों ने सेक्टर-54 से ट्रेक्टर में कचरा लेकर सेक्टर-20 तक पैदल रैली निकाली।

उद्देश्य था क्षेत्रीय विधायक के कार्यालय के बाहर कचरा फेंक विरोध दर्ज कराना था। लेकिन वहा ऐसा हो नहीं सका। पुलिस बल के चलते किसान वहां से चले गए। वहां मुख्य कार्यपालक अधिकारी का पुतला फंूका गया। इसके बाद कचरा लेकर सेक्टर-19 स्थित सिटी मजिस्ट्रेट आफिस पहुंचे। यहा कचरा फेंककर विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड नहीं बनने देंगे।

इस सेक्टर के आसपास 50 हजार से ज्यादा लोग निवास कर रहे है। यहा से उठने वाली बदबू से लोगों का रहना दूभर हो जाएगा। गांव का स्वच्छ वातावरण दूषित हो जाएगा। लिहाजा वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है। 

सेक्टरों के बाहर लगे कचरे के ढेर

प्राधिकरण के पास विकल्प नहीं है कि वह कचरा कहा फेंके। लिहाजा प्राथमिक सेंटरों के अलावा सेक्टरों के बाहर व सड़कों से कचरा साफ ही नहीं किया जा रहा। 

सेक्टर-21, 25, 40, 39 के अलावा करीब एक दर्जन सेक्टरों के बाहर कचरे के पहाड़ जमा है। बदबू से लोगों का हाल बेहाल है। लोग राह चलते कचरा फेंक रहे है। साफ-सफाई नहीं होने से ग्रीन नोएडा क्लीन नोएडा को कचरा मय नोएडा बना दिया है। सेक्टरवासियों ने बताया कि पहले तो प्राधिकरण कर्मचारी कचरा उठाकर ले भी जाते थे। लेकिन अब वह भी नहीं उठाया जा रहा। 

सेक्टर-68 में नहीं फेंकने दिया जाएगा कचरा

 सेक्टर-68 स्थित डंपिंग ग्राउंड पर आधा दर्जन गांव व सेक्टर के लोग एकत्रित हो गए। वह कचरों के पहाड़ पर चढ़ गए। प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी की गई। वंदे मातरम के अलावा भारत माता की जय के नारे लगाए गए। विरोध इसलिए किया गया ताकि प्राधिकरण यहा कचरा न फेंके। दरसअल, सेक्टर-54 में केंद्रीय मंत्री द्वारा मना करने के बाद वहां कचरा नहीं फेंका जा रहा। सेक्टर-137 में एनजीटी ने रोक लगा रखी है।

सेक्टर-123 में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण बीते कुछ दिनों से सेक्टर-68 में कचरा फेंक रहा था। प्राधिकरण का मत था कि यहा बड़े -बड़े गड्ढे है। इनको भरने के बाद कचरा नहीं फेंका जाएगा। लेकिन इसके उलट यहा कचरे के पहाड़ हो गए। विरोध प्रदर्शन के बीच प्राधिकरण विशेष कार्यधिकारी राजेश कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने लोगों से बातचीत की। लेकिन विफल होने पर सिटी मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंच गए। प्राधिकरण व प्रशासन ने लोगों से 10 दिन का समय मांगा। 

ओएसडी ने कहा कि 20 अप्रैल को एक दिन तय कर लिया जाए। बैठक की जाएगी। जिसमे कचरे के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। फिलहाल 10 दिन का समय दिया जाए। प्रदर्शनकारियों ने प्राधिकरण से स्पष्ट कहा कि यहा अब एक भी दिन कचरा नहीं फेंकने दिया जाएगा। इससे पहले सेक्टर-68 स्थित डंपिंग ग्राउंड पर आधा दर्जन गांव व सेक्टर के लोग एकत्रित हो गए। वह कचरों के पहाड़ पर चढ़ गए।

प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी की गई। वंदे मातरम के अलावा भारत माता की जय के नारे लगाए गए। विरोध इसलिए किया गया ताकि प्राधिकरण यहा कचरा न फेंके। दरसअल, सेक्टर-54 में केंद्रीय मंत्री द्वारा मना करने के बाद वहां कचरा नहीं फेंका जा रहा। सेक्टर-137 में एनजीटी ने रोक लगा रखी है। सेक्टर-123 में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण बीते कुछ दिनों से सेक्टर-68 में कचरा फेंक रहा था।

प्राधिकरण का मत था कि यहा बड़े -बड़े गढ्ढे है। इनको के बाद कचरा नहीं फेंका जाएगा। लेकिन इसके उलट यहा कचरे के पहाड़ हो गए। विरोध प्रदर्शन के बीच प्राधिकरण विशेष कार्यधिकारी राजेश कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने लोगों से बातचीत की। लेकिन विफल होने पर सिटी मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंच गए। प्राधिकरण व प्रशासन ने लोगों से 10 दिन का समय मांगा। ओएसडी ने कहा कि 20 अप्रैल को एक दिन तय कर लिया जाए। बैठक की जाएगी। जिसमे कचरे के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। फिलहाल 10 दिन का समय दिया जाए। प्रदर्शनकारियों ने प्राधिकरण से स्पष्ट कहा कि यहा अब एक भी दिन कचरा नहीं फेंकने दिया जाएगा।

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