यमुना एक्सप्रेस-वे : शासन ने मुआवजा देने के फैसले पर लगाई मुहर
ग्रेटर नोएडा ! यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के 12 हजार किसानों के किस्मत का पिटारा खुल गया है। उन्हें एक बार फिर मुआवजा मिलेगा।;
यमुना के 12 हजार किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजे का लाभ
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण पर पड़ेगा सात सौ करोड़ का भार
ग्रेटर नोएडा ! यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के 12 हजार किसानों के किस्मत का पिटारा खुल गया है। उन्हें एक बार फिर मुआवजा मिलेगा। प्राधिकरण के नाम सीधे जमीन का बैनामा करने वाले किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा देने के फैसले पर शासन ने मुहर लगा दी है। शासनादेश मिलने के बाद प्राधिकरण किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देना शुरू कर देगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सहमति के आधार पर सीधे जमीन का बैनामा करने वाले किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
किसानों की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया था। हालाकि यमुना एक्सप्रेस-वे में 2014 के शासनादेश में किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने का फैसला हुआ था। शासनदेश में यह उल्लेख था कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण व सीधे बैनामे के माध्यम से ली गई है उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। शासनादेश होने के बाद भी यमुना एक्सप्रेस-‘वे प्राधिकरण सहमति के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले किसानों को अतिरिक्त मुआवजा नहीं दे पा रहा है। इसका कारण यह बताया जाता है कि ग्रेटर नोएडा में कोर्ट का फैसला आने के बाद अतिरिक्त मुआवजा देने को लेकर अधिकारी असमंजस की स्थिति में पर फंसे हुए थे। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की तरफ से शासन को पत्र भेजा गया था कि ऐसे मामले में क्या फैसला लिया जाए स्थिति स्पष्ट की जाए। मुआवजा न देने की सूरत में शासनादेश का भी उल्लंघन होगा। प्राधिकरण के पत्र को लेकर सोमवार शासन में बैठक हुई। जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले में 2014 में शासनादेश जारी हो चुका है, कोर्ट ने इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाई है ऐसे में शासनादेश को मानते हुए सहमति के आधार पर जमीन देने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए। शासन के इस फैसले से यमुना एक्सप्रेस-वे के 12 हजार किसानों को इसका फायदा मिलेगा। इससे पर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण पर करीब सात सौ करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरूणवीर सिंह ने बताया कि शासन ने आदेश आने पर कोई फैसला लिया जाएगा और शासन ने निर्णय लिया है तो प्राधिकरण अतिरिक्त मुआजवा देने के लिए तैयार है।