सीईओ ने बकाएदारों व बिल्डरों पर शिकंजा कसने का दिया फरमान
ग्रेटर नोएडा ! प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी जिस तरह एक के बाद फरमान जारी कर रहे हैं, विकास कार्यों को लेकर जिस तरह अधिकारियों को अड़े हाथ ले रहे हैं,;
ग्रेटर नोएडा ! प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी जिस तरह एक के बाद फरमान जारी कर रहे हैं, विकास कार्यों को लेकर जिस तरह अधिकारियों को अड़े हाथ ले रहे हैं, उससे घबराए अधिकारी अब पूरी तरह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली परियेाजना को अमली जामा पहनाने में जुट गए है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास में शनिवार को अवकाश होने के बाद कार्यालय खुला रहा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित मोहन प्रसाद ने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर उन्हें साफ तौर से निर्देश दिया कि राजस्व वसूली को प्राथमिकता में शामिल किया जाए। खास तौर पर बिल्डरों पर बकाया राशि वसूलने पर जोर दिया जाए। इसकी पूरी योजना तैयार कर एक लक्ष्य निर्धारित कर लिया जाए कि कब तक बिल्डरों से बकाया वसूली की जा सकती है। अगर बिल्डर बकाया वसूली करने में आनाकानी करते हैं तो उन्हें बख्शा न जाए। बिल्डरों को नोटिस जारी कर अंतिम चेतावनी दी जाए कि एक निर्धारित अवधि में बकाया किश्त का भुगतान कर वरना उनका आबंटन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। सीईओ कामर्शियल, औद्योगिक संस्थागत व व्यक्तिगत आबंटियों के बकाया किश्त के बारे में पूरी जानकारी ली। सीईओ ने एक-एक करके सभी विभागों के प्रमुख से रूबरू होते हुए उनसे जानकारी हासिल कि उनके विभाग में प्राधिकरण की परसंपत्तियों पर कितना पैसा बकाया है उसने वसूलने में कहा पर दिक्कत आ रही है। अगर अधिकारी व कर्मचारी बकाया राशि वसूलने पर कौताही बरत रहे है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने फरमान जारी किया है कि प्रदेश भर में सभी सडक़ 15 जून तक गड्ढा मुक्त हो जाना चाहिए। सीईओ अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश का पालन ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में होना चाहिए। परियेाजना विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया कि सडक़ को गड्ढा मुक्त करने के लिए 15 जून तक के समय का इंतजार न करे।
प्राधिकरण की प्राथमिकता में शामिल किया जाए कि 30 तक शहर की सभी सडक़ें गड्ढा मुक्त हो जाना चााहिए। परियोजना विभाग के सभी इंजीनियर अपने सार्किल का हर दिन दौरा करके जांच करे कि कहां-कहां पर सडक़ों पर गड्ढा है। उन्हें भरने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाए और 30 मई तक शहर की सडक़ों पर कोई गड्ढा नहीं दिखाई देना चाहिए। इसके बाद अगर कहीं सडक़ पर गड्ढा मिला तो इसके लिए परियोजना विभाग के इंजीनियर सजा भुगताने के लिए तैयार रहे।