कर्नाटक में भारत बंद का व्यापक असर 

 ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरुद्ध कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद से कर्नाटक में सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है;

Update: 2018-09-10 15:09 GMT

बेंगलुरु।  ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरुद्ध कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद से कर्नाटक में सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है। पूरे राज्य में सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, "हमारे बंद को लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों ने सभी को, खासकर गरीबों को प्रभावित किया है।"

स्कूल व कॉलेज बंद हैं। राज्य व केंद्र सरकार के कार्यालय खुले हैं।

बेंगलुरु में वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस और विप्रो में कामकाज सामान्य रूप से चला।

सत्तारूढ़ जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) ने अपने गठबंधन के साथी कांग्रेस के बंद का समर्थन किया है। जेडी-एस और कन्नड़ समर्थक संगठन कन्नड़ वेदिक पक्षा (केवीपी) के कार्यकर्ताओं को रेस्तरां, दुकानों व पेट्रोल पंपों को बंद कराते हुए देखा गया।

कई मल्टीप्लैक्स और मॉल कामकाज के लिए नहीं खुले। बैंकों के कामकाज पर भी असर पड़ा।

एक चाय विक्रेता ने आईएएनएस से कहा, "हमने भीड़ के हाथ अपनी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए अपनी दुकान को पूरे दिन के लिए बंद रखा है।"

बंद से हालांकि बेंगलुरु व मैसुरू में विमान व ट्रेन सेवा पर असर नहीं पड़ा, लेकिन यात्रियों को हवाईअड्डों व रेलवे स्टेशन पर बसों, कैब और ऑटो नहीं मिलने से काफी मुश्किल समय गुजारना पड़ा।

जेडी-एस और कांग्रेस के लगभग 1000 कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने यहां टॉऊन हॉल पर प्रदर्शन किया और मुख्य मार्ग होते हुए फ्रीडम पार्क तक प्रदर्शन रैली निकाली। 

आपात सेवाओं जैसे अस्पतालों व दवा दुकानों को बंद से मुक्त रखा गया है।

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