सरकार आयुध फैक्ट्रियों की उत्पादन क्षमता को कम करने में लगी: तपन सेन
मार्क्सवादी पार्टी के तपन सेन ने आज आरोप लगाया कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण का राग अलापने वाली सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा आयुध फैक्ट्रियों की उत्पादन क्षमता को कम करने में लगी है;
नयी दिल्ली। मार्क्सवादी पार्टी के तपन सेन ने आज आरोप लगाया कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण का राग अलापने वाली सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा आयुध फैक्ट्रियों की उत्पादन क्षमता को कम करने में लगी है।
सेन ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार जोर शोर से इस बात का बखान करने में लगी है कि देश रक्षा क्षेत्र में उत्पादन के मामले में 75 फीसदी स्वदेशीकरण की ओर बढ रहा है लेकिन असल बात यह है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों तथा आयुध फैक्ट्रियों की उत्पादन क्षमता को निरंतर कम करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि आयुध फैक्ट्रियों में 273 तरह के उत्पादों का निर्माण किया जाता है जिनमें से 172 उत्पादों को बनाने के लाइसेंस विदेशी कंपनियों को दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्वदेशी कंपनियों और फैक्ट्रियों की उत्पादन क्षमता घटकर 50 फीसदी रह जायेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम के जो अनुबंध किये जा रहे हैं उनमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की बात नहीं की जा रही है। कांग्रेस के अानंद शर्मा ने भी उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों के कारण रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को नये आर्डर मिलने के बजाय उनकी उत्पादन क्षमता को कम किया जा रहा है।