ओडीओपी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार गंभीर : अग्रवाल
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि लघु उद्योग के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि लघु उद्योग के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है। इसके लिए एक जनपद-एक उत्पाद (ओ.डी.ओ.पी.) योजना काफी कारगर साबित होगी। ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह गम्भीर है।
श्री अग्रवाल शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठिान में ओ0डी0ओ0पी0 समिट में आयोजित हैण्डलूम एवं टेक्सटाइल्स के तकनीकी सत्र में उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले उद्योगपति यहां उद्यम स्थापना की बात तो दूर, बल्कि यू0पी0 में आने से भी घबराते थे, लेकिन वर्तमान परिवेश एवं बदलते हुए माहौल ने उद्यमियों को आकर्षित किया है। आज वे स्वयं यहां उद्यम स्थापना के प्रति उत्सुक है। इसी का परिणाम है कि गत 29 जुलाई को 60 हजार करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने शिलान्यास किया।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि हैण्डलूम एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से लोगों के घर से विकास का आज शुभारम्भ होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हथकरघा और वस्त्र उद्योग प्रदेश का परम्परागत प्रमुख कुटीर उद्योग है। राज्य के विभिन्न जिलों में हथकरघा वस्त्रों का उत्पादन प्रमुखता से किया जाता है। वास्तव में यह कुटीर उद्योग सबसे अधिक रोजगार सुलभ कराने वाला उद्यम है। सरकार ने इस उद्यम को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं और इस क्षेत्र में कार्यरत सभी स्तर के उद्यमियों को आवश्यक अवस्थापना, वित्तीय तथा अन्य सविधाएं सुलभ कराने की व्यवस्था की गई है।
श्री पचौरी ने कहा कि विभाग ने उद्यमियों को बिजली में उपादान के साथ ही आवश्यक सहूलियतें पर विशेष ध्यान केद्रित किया है। लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए चयनित उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग, तकनीकी जानकारी, संबंधित के उत्पाद के बारे में प्रशिक्षण तथा बंैक से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार लोगों को स्वरोजगार के रूप में हथकरघा उद्योग को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है, इसके तहत मुद्रा योजना के माध्यम से उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों से उद्योग में अधिक से अधिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का भी आह्वाहन किया।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के साथ ही हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग का विकास करके उत्तर प्रदेश को देश का माडल प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे उद्यमियों के दरवाजे पर स्वयं जायं और उनसे संवाद स्थापित करें तथा उनकी समस्याओं को फौरीतौर पर निस्तारित करना सुनिश्चित करें।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग सत्र को पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स के प्रेसिडेंट श्री अनिल खेतान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों सहित हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के विकास की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में और प्रभावी कदम उठाने चाहिए। सत्र को पीएचडी चैम्बर के टेक्सटाइल कमेटी के सचिव अजित बी चैहान, आई.आई.एच.टी के निदेशक एस. के. रोहिला, एईपीसी के सदस्य ललित ठुकराल, फैशन डिजायनर पूजा मखीजा ने भी सम्बोधित किया।