चीन को लेकर राहुल गांधी को दावों को सरकार ने किया खारिज

सरकार ने शुक्रवार को भारतीय व चीनी सैनिकों के डिसइंगेजमेंट पर मीडिया में गलत सूचनाओं और सोशल मीडिया पर इस बारे में बेकार की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई है;

Update: 2021-02-12 18:24 GMT

नई दिल्ली।  सरकार ने शुक्रवार को भारतीय व चीनी सैनिकों के डिसइंगेजमेंट पर मीडिया में गलत सूचनाओं और सोशल मीडिया पर इस बारे में बेकार की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई है। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि भारत ने अपनी जमीन चीन को दे दी है। चीन और भारत ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटना शुरू किया, जिससे दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच नौ महीने तक चलने वाला गतिरोध समाप्त हो गया।

हालांकि, मीडिया के कुछ वर्गों ने दावा किया है कि भारत ने पैंगॉन्ग झील क्षेत्र में फिंगर 3 और 4 के बीच के क्षेत्र का खो दिया है, जिस पर पिछले साल दोनों पक्षों के बीच आमना-सामना हुआ था।

Ministry of Defence statement. The assertion that Indian territory is upto Finger 4 is categorically false. The territory of India is as depicted by the map of India & includes more than 43,000 sq km currently under illegal occupation of China since 1962. https://t.co/3qcQ8RLNdO

— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) February 12, 2021

एक बयान में, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लद्दाख में भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक होने का दावा 'स्पष्ट रूप से गलत' है।

इस बात को दोहराते हुए कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों को अपने बयान में इस तथ्य को स्पष्ट रूप से बताया है।

रिकॉर्ड के बारे में सीधे बताते हुए, मंत्रालय ने कहा कि भारत के क्षेत्र को भारत के नक्शे द्वारा दर्शाया गया है और इसमें 1962 के बाद से चीन के अवैध कब्जे में मौजूद 43,000 वर्ग किमी से अधिक की जमीन भी शामिल हैं। यहां तक कि भारतीय धारणा के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर 8 के पास है, फिंगर 4 पर नहीं।

बयान में कहा गया है, "इसलिए भारत ने चीन के साथ मौजूदा समझौते सहित फिंगर 8 तक गश्त के अधिकार को बनाए रखा है।"

पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर दोनों पक्षों के स्थायी पोस्ट दीर्घकालीन और सुव्यवस्थित हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय की तरफ, यह फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा पोस्ट है और चीन की तरफ यह फिंगर 8 है।

मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा समझौते में दोनों पक्षों द्वारा आगे की अग्रिम तैनाती को समाप्त करने और इन स्थायी पोस्टों पर तैनाती जारी रखने का प्रावधान है।

सरकार ने कहा कि भारत ने इस समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी क्षेत्र को नहीं गंवाया है।

मंत्री के बयान ने यह भी स्पष्ट किया कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग सुलझाए जाने वाली पुरानी समस्या है। सरकार ने कहा कि बाकी मुद्दों को पैंगोंग त्सो से जवानों की वापसी के बाद 48 घंटे के भीतर उठाया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा, "जो लोग हमारे सैन्य कर्मियों के बलिदान पर संदेह करते हैं, वे वास्तव में उनका अपमान कर रहे हैं।"

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