2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है सरकार: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से फसलों की सिंचाई में समझदारी से पानी का उपयोग करने पर जोर देते हुए आज कहा कि कृषि लागत में कमी लाने के लिए जल्दी ही देश में व्यापक पैमाने पर खेतों में;
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से फसलों की सिंचाई में समझदारी से पानी का उपयोग करने पर जोर देते हुए आज कहा कि कृषि लागत में कमी लाने के लिए जल्दी ही देश में व्यापक पैमाने पर खेतों में सोलर पंप लगाये जायेंगे ।
लाइव : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi लखनऊ में आयोजित #KrishiKumbh2018 के उद्घाटन समारोह में संबोधन। https://t.co/iDJN3J5C7s
पीएम मोदी ने वीडियो कान्फेंसिंग के माध्यम से लखनऊ में ‘कृषि कुंभ’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है और कृषि लागत को कम से कम करने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं ताकि किसानों की आय बढ़ सके। देश में सिंचाई पर खर्च में कमी लाने के लिए निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर खेतों में सोलर पंप लगाये जायेंगे।
हमारा ये स्पष्ट मत है कि किसान को कोई आगे नहीं ले जाता बल्कि ये हमारा किसान है जो देश को आगे ले जाता है : पीएम श्री @narendramodi #KrishiKumbh2018 https://t.co/wUjSe5rp0x pic.twitter.com/e6xvXEEuvF
हम बिजली और डीजल पर चलने वाले पम्पों को सोलर पंप में बदलने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। बिजली या डीजल पर चल रहे पम्पों को सूर्य ऊर्जा से बदलने का व्यापक अभियान चल रहा है। इसके तहत आने वाले चार वर्षों में देश भर में 28 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने का अभियान है: पीएम #KrishiKumbh2018 pic.twitter.com/OCyKePpdme
उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञान का लाभ कृषि को देने का प्रयास कर रही है और इसी के ध्यान में रखकर वाराणसी में चावल अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने में किसानों की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से किसानों को नयी तकनीक की जानकारी मिलेगी तथा कृषि क्षेत्र में नये अवसर मिलेंगे।
खेत में कोई चीज खराब नहीं होती
कचरे को भी कंचन बनाया जा सकता है : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi #KrishiKumbh2018 pic.twitter.com/tWzQGodD7P
प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन पर जोर देते हुए कहा कि इस सिलसिले में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कई कदम उठाये गये हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हरित क्रांति के बाद दूध उत्पादन, शहद उत्पादन, पोल्ट्री और मत्स्य पालन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कृषि में जल संसाधन का समझदारी से उपयोग ,भंडारण में बेहतर प्रौद्योगिकी , कृषि में नवीनतम तकनी के उपयोग आदि पर कृषि कुंभ में चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से रोकने के लिए नयी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने फसलों की खरीद के लिए किये जा रहे प्रयासों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। कृषि कुंभ में कुछ विदेशी प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।