सरकार ने चुनावी घोषणापत्र में दिए सारे वादे पूरे किए: कैप्टन अभिमन्यु

 हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आज कहा कि उनके आबकारी एवं कराधान विभाग के अंतर्गत आते पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में किये गए सभी छह प्रमुख वादे राज्य सरकार ने अपने गत लगभग साढ़े तीन साल;

Update: 2018-07-11 15:59 GMT

चंडीगढ़।  हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आज कहा कि उनके आबकारी एवं कराधान विभाग के अंतर्गत आते पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में किये गए सभी छह प्रमुख वादे राज्य सरकार ने अपने गत लगभग साढ़े तीन साल के शासन में पूरे कर दिये हैं। 

कैप्टन अभिमन्यु ने प्रदेश सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे होने पर आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अपने विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन वादों में व्यापारियों हेतु व्यापार कल्याण बोर्ड का गठन, रासायनिक खाद और जिप्सम से पांच प्रतिशत वैट हटाना तथा इसे शून्य करना, छोटे ढाबों को करमुक्त करना, सी फॉर्म ऑनलाइन करना और समग्र आबकारी योजना लागू करना शामिल है। 

उन्होंने दावा किया कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश हैं जहां इतने व्यापक स्तर पर एक समान कर प्रणाली के रूप में जीएसटी का क्रियान्वयन हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के गत तीन वित्त वर्षों 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में वाणिज्यिक करों के रूप में राजस्व संग्रह में क्रमश: 10.47 प्रतिशत, 11.90 प्रतिशत और 24.10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वैट, केंद्रीय बिक्री कर, राज्य जीएसटी आदि के तहत वर्ष 2015-16 में 21546.98 करोड़ रुपए, वर्ष 2016-17 में 24301.61 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2017-18 में 29941.43 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में एक राष्ट्र-एक कर के रूप में जीएसटी का क्रियान्यन काफी अच्छा रहा है और भौगौलिक दृष्टि से छोटा होने के बावजूद हरियाणा सबसे ज्यादा जीएसटी एकत्र करने वाला देश का पांचवां राज्य है। जीएसटी के तहत राज्य का प्रतिव्यक्ति पूंजी राजस्व संग्रह देश में सबसे ज्यादा 1876.97 रुपये है। जबकि उत्तराखंड में यह 1436.21 तथा महाराष्ट्र में 1165.85 रुपये है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनुराेध पर केंद्र ने ट्रैक्टरों पर कर दर 28 प्रतिशत से घटा कर 12 प्रतिशत, ट्रैक्टर पार्ट्स पर 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत, उर्वरकों पर 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत, प्लाईवुड पर 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत, वैज्ञानिक उपकरणों पर 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक और कृषि उपकरणों पर कर दर 12 प्रतिशत और कृषि उपकरणों के पार्टस पर कर दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की है।

कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद हरियाणा में 1.85 लाख नये डीलर्स के पंजीकृत हुये हैं जिससे राज्य में डीलरों की संख्या में 82.22 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जीएसटी से पहले राज्य में वैट, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर के तहत करदाता 2.25 लाख थे जिनकी संख्या बढ़ कर लगभग 4.10 लाख हो गई है।

उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को राहत प्रदान करते हुये जीएसटी के तहत पंजीकरण के लिये कारोबार की सीमा भी पांच लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। 

उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में लगभग 1.12 करोड़ ई-वे बिल सृजित किये गये तथा इस द़ृष्टि से राज्य का देश में चौथा स्थान है। वित्त मंत्री के अनुसार वर्ष 2017-18 के दौरान कुल जीएसटी संग्रहण लगभग 1505.93 करोड़ रुपये था जबकि चालू वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में ही यह 1,804.96 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भविष्य में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाना अब प्रस्तावित है। हरियाणा ने पेट्रोल-डीजल के दाम एक समान रखने के लिए पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के साथ बैठकें की हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल का आधार मूल्य पेट्रोलियम कम्पनियां रिफाइनरी से लेकर डिपो और पेट्रोल पंपों तक ढुलाई के अनुसार तय करती हैं। यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब हरियाणा ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस‘ रैंकिंग में 14वें स्थान पर था लेकिन सरकार के सतत प्रयासों और उद्यम प्रोत्साहन नीति लागू होने के बाद इसकी रैकिंग तीसरे स्थान पर आ गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, आबकारी एवं कराधान आयुक्त आशिमा बराड़, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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