ढांचागत विकास के बजाय रेलवे के निजीकरण में लगी है सरकार : कांग्रेस

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज राज्यसभा में सरकार पर आरोप लगाया कि वह रेलवे का ढांचागत विकास करने के बजाय उसका निजीकरण कर कारपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने में लगी है;

Update: 2021-03-18 01:17 GMT

नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज राज्यसभा में सरकार पर आरोप लगाया कि वह रेलवे का ढांचागत विकास करने के बजाय उसका निजीकरण कर कारपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने में लगी है।

सदन में कांग्रेस के नेता नारायण भाई राठवा ने बुधवार को रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार रेलवे का ढांचागत विकास करने के बजाय ट्रेनों से लेकर रेलवे स्टेशनों और उनके आस पास के क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के हाथों में सौंपने में लगी है।

उन्होंने कहा कि इस सरकार का नारा है ‘सबका साथ सबका विकास’ लेकिन वह पूछना चाहते हैं कि क्या सरकारी संपत्ति को बेचकर यह संभव है। उन्होंने कहा कि इससे सबका विकास होने के बजाय सबका विनाश होने की आशंका है क्योंकि रेलवे समस्याओं का पिटारा बन जायेगा। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सरकार रेलवे की अधूरी परियोजनाओं पर ध्यान नहीं दे रही है।

श्री राठवा ने कहा कि निजी क्षेत्र की पहली ट्रेन तेजस के संचालन के बाद अब सरकार ने 109 रूटों पर रेल चलाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि रेलवे का मुख्य उद्देश्य देश में संपर्क सुविधा बढाना तथा देश के सभी हिस्सों को परस्पर जोड़ना है लेकिन इस तथ्य की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से यह संभव नहीं है क्योंकि निजी क्षेत्र का ध्यान देश को जोड़ने पर नहीं बल्कि अपने मुनाफे पर रहेगा।

उन्होंने कहा कि निजीकरण सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि जवाबदेही खत्म हो जायेगी और रेलवे की नौकरियों में आरक्षण समाप्त हो जायेगा तथा बेराेजगारी की बाढ आ जायेगी।

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