सरकार का प्रयास है किसानों को खेती की पूरी प्रक्रिया में हर कदम मदद मिले: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि किसानों के हर खेत को पानी मिले एवं फसलों का भरपूर उत्पादन हो इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं;
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि किसानों के हर खेत को पानी मिले एवं फसलों का भरपूर उत्पादन हो इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं ।
We are working towards ensuring that the incomes of our hardworking farmers doubles by 2022. For that we are facilitating proper assistance wherever required. We have faith in the farmers of India: PM @narendramodi https://t.co/5XFNDURZZi
मुख्य रूप से चार मूल बिन्दुओं पर बल दिया जा रहा है।
पहला, कच्चे माल की लागत कम से कम हो,
दूसरा, उपज का उचित मूल्य मिले,
तीसरा, उपज की बर्बादी रुके,
और चौथा, आदमनी के वैकल्पिक स्रोत तैयार हों: PM @narendramodi
देश के किसानों को फसलों की उचित कीमत मिले, इसके लिए इस बार के बजट में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने तय किया है कि अधिसूचित फसलों के लिए MSP, उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना घोषित किया जाएगा: PM @narendramodi
आज देश में न सिर्फ अनाज का, बल्कि फल-सब्जियों और दूध का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है: PM @narendramodi #KisanKiBaatPMKeSaath
पीएम मोदी ने किसानों से सीधा संवाद करते हुए आज कहा कि फसल में किसी प्रकार का जोखिम ना हो, इसके लिये फसल बीमा योजना है, कटाई के बाद सही कीमत मिले इसके लिये ईनाम शुरु किया गया है।
वर्ष 2017-18 में खाद्यान उत्पादन 280 मिलियन टन से अधिक हुआ है जबकि 2010 से 2014 का औसत उत्पादन 250 मिलियन टन था।
इसी तरह दलहन के क्षेत्र में भी औसत उत्पादन में 10.5% एवं बागवानी के क्षेत्र में 15% की वृद्धि दर्ज हुई है: PM @narendramodi #KisanKiBaatPMKeSaath
Blue Revolution या नीली क्रांति के अंतर्गत मछली पालन के क्षेत्र में 26% वृद्धि हुई तो दूसरी और पशुपालन व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में करीब 24% की वृद्धि हुई है: PM @narendramodi #KisanKiBaatPMKeSaath
हमारा प्रयास है कि किसानों को खेती की पूरी प्रक्रिया में हर कदम पर मदद मिले, यानि
बुआई से पहले,
बुआई के बाद
और फसल कटाई के बाद: PM @narendramodi
उन्होंने कहा कि कृषि के लिये सरकार बजट में निश्चित राशि आवंटित करती है, पिछली सरकार ने कृषि के लिये 1,21,000 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की थी और उनकी सरकार ने इसे 2,12,000 करोड़ रूपए किया, यानि लगभग दोगुना किया, यह किसान कल्याण के लिये हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।
बुआई से पहले किसान यह जान पाए कि किस मिट्टी पर कौन सी फसल उगानी चाहिए, इसके लिए soil health card शुरू किया गया। एक बार जब ये पता चल जाए कि क्या उगाना है तो फिर किसानों को अच्छी quality के बीज मिले, उसे पूँजी की समस्या से गुजरना न पड़े, इसके लिए किसान ऋण की व्यवस्था की गई: PM
पहले खाद के लिए लंबी-लंबी कतारें हुआ करती थी लेकिन अब किसानों को आसानी से खाद मिल रहा है। आज किसानों के लिए 100% नीम कोटिंग वाला यूरिया देश में उपलब्ध है: PM @narendramodi
पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत आज देश भर में 99 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा रहीं हैं। हर खेत को पानी मिले, इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को फसल को लेकर किसी भी तरह का जोखिम न हो, इसके लिए आज फसल बीमा योजना है: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान की लागत कम कैसे हो, उपज का उचित मूल्य मिले, फसल की बरबादी रुके, इसके लिये सरकार ने फैसला लिया कि अधिसूचित फसलों के लिये न्यूनतम मूल्य लागत का डेढ गुना दिया जायेगा । देश के किसानों पर भरोसा था, उन्हें आवश्यक सुविधायें, वातावरण दिया जाये तो किसान मेहनत, और परिणाम लाने को तैयार है, और सरकार ने किसानों को साथ लेकर इस दिशा में काम किया ।
पीएम मोदी ने कहा कि खेती की पूरी प्रक्रिया में बुआई से पहले और कटाई के बाद तक और फिर फसल की बिक्री तक किसान को हर संभव सहायता मिले, बीज से बाजार तक हम किसानों के साथ हैं । किसानों ने फसल उत्पादन में पिछले कई सालों के रिकार्ड तोड़े हैं, पिछले 48 महीनों में कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और वर्ष 2017-18 में खाद्यान उत्पादन 280 मिलियन टन से अधिक हुआ है जबकि 2010 से 2014 का औसत उत्पादन 250 मिलियन टन था। इसी तरह दलहन के क्षेत्र में भी औसत उत्पादन में 10.5 प्रतिशत एवं बागवानी के क्षेत्र में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसानों को खेती की पूरी प्रक्रिया में हर कदम पर मदद मिले, यानि बुआई से पहले, बुआई के बाद और फसल कटाई के बाद:मुख्य रूप से चार मूल बिन्दुओं पर बल दिया जा रहा है। पहला, कच्चे माल की लागत कम से कम हो, दूसरा, उपज का उचित मूल्य मिले, तीसरा, उपज की बर्बादी रुके, और चौथा, आदमनी के वैकल्पिक स्रोत तैयार हों ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नीली क्रांति के अंतर्गत मछली पालन के क्षेत्र में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई तो दूसरी ओर पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में करीब 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है ।