सरकार नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध : बैजल

 दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में आप सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सरकार राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध;

Update: 2018-03-17 13:07 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में आप सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सरकार राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के शुभारंभ पर अपने अभिभाषण में बैजल नेसार्वजनिक सेवाओं को उपभोक्ता के घर तक पहुंचाने की हाल ही में अनुमोदित  योजना का भी जिक्र किया। अपने 25 मिनट लंबे अभिभाषण में उन्होंने कहा कि बाजार मूल्य पर वर्ष 2017-18 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर अनुमानित रूप से 3,29,093 रुपये हो गई है, जो वर्ष 2016-17 के दौरान 3,00,793 रुपये थी बैजल ने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुढढ़ बनाने और इसके आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है।

शैक्षणिक सुविधाओं में मजबूती लाने के लिउ मौजूदा स्कूलों में 6 हजार 400  नई कक्षाएं बनाई गई हैं। दूसरी बार सदन को संबोधित करते हुए बैजल ने कहा, ज्यादातर स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। सभी स्कूलों में सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने का प्रस्ताव भी है,  जिसमें यह भी शामिल है कि कक्षाओं में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए अभिभावक स्कूल की गतिविधियों को देख सकें। उपराज्यपाल ने कहा कि उत्कृष्ट शिक्षकों को समय-समय पर नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ एजुकेशन  में प्रशिक्षित किया जा रहा है। बैजल ने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा, सरकार ने मरीजों की समस्याओं पर ध्यान देते हुए अनेक प्रयास किए हैं।

रोगियों को सभी आवश्यक दवाएं नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं। डीजीईएचएस की सूची में शामिल 23  रेडियोलॉजिकल केंद्रों में सभी दिल्लीवासियों को रेडियोलॉजिकल सेवाएं नि;शुल्क प्रदान की जा रही हैं। दिल्ली सरकार के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को यहां रैफर किया जाता है। सरकार का विचार है कि आम आदमी मोहल्ला क्लिनिकों की स्थापना करके स्वास्थ्य सेवाओं को जनता के द्वार तक लाया जाए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में प्रयोग के तौर पर 102  आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक शुरू किए गए थे और चालू वित्त वर्ष में 62 और क्लिनिक स्थापित किए गए हैं। कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, मेरी सरकार समग्र विकास में विश्वास करती है।

जिससे समाज के कमजोर तबके के भरोसे में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने पीड़ित महिलाओं को  दिल्ली पेंशन योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदानकी  है। बैजल ने कहा, मेरी सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प है। दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि गरीबों की आवास की जरूरतों को पूरा करने के लिए  सरकार ने दिल्ली स्लम और जेजे पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति को अधिसूचित किया है।

विपक्ष के चारों विधायकों को मार्शलों ने बाहर निकाला

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र आज शुरू हुआ और थोड़ी देर में ही विपक्ष के चारों विधायकों को मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया। असल में जब विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाश्ण शुरू हो तो लाभ के पद के मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी सदन में उनकी (कैलाश गहलोत की) मौजूदगी का विपक्ष विरोध कर रहा था। सदन की कार्यवाही में गहलोत की मौजूदगी का विरोध करने आसन के सामने पहुंचे सभी चार विधायकों को मार्शलों के जरिए बाहर निकाल दिया गया।

उपराज्यपाल अनिल बैजल के आगमन के बाद शुरू विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और तीन अन्य भाजपा विधायकों ओ पी शर्मा, मनजिंद सिंह सिरसा और जगदीश प्रधान ने कहा कि केवल निर्वाचित सदस्यों को ही सभा में आने की अनुमति होनी चाहिए। 

इसके बाद अध्यक्ष राम निवास गोयल ने विधायकों को मार्शलों द्वारा बाहर निकालने का आदेश दिया। गुप्ता ने कहा कि वास्तविक सदस्यों को बाहर निकाल दिया गया जबकि एक अयोग्य विधायक जो कि एक मंत्री है वह बजट सत्र में उपस्थित है। उन्होंने कहा, कि गहलोत को अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी सदन में बैठने की मंजूरी क्यों दी जा रही है। हम बस इतनी मांग कर रहे थे कि अयोग्य ठहराए सदस्यों को सदन के अंदर आने की अनुमति न हो लेकिन हमे ही मार्शलों के जरिए बाहर निकाल दिया गया। लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग की सिफारिशों के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने परिवहन मंत्री सहित आप के 20  विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था।

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