सरकार नए मवेशी व्यापार नियम पर विचार कर सकती है: हर्षवर्धन

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि केंद्र सरकार मवेशी व्यापार तथा वध के नए नियम को लेकर किसी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार कर सकती है;

Update: 2017-06-02 15:56 GMT

अगरतला।  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि केंद्र सरकार मवेशी व्यापार तथा वध के नए नियम को लेकर किसी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार कर सकती है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने गुरुवार रात संवाददाताओं से कहा, "अगर हमें इस पर कोई स्वीकार्य व महत्वपूर्ण प्रस्ताव मिलता है, तो हम पशु व्यापार व वध पर नए नियम पर विचार सकते हैं।"

मंत्री ने कहा कि मुद्दे को लेकर जानकारियों की कमी और गलतफहमी है।हर्षवर्धन केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तीसरी वर्षगांठ से संबंधित एक कार्यक्रम में यहां गुरुवार रात हिस्सा लेने आए थे।

पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाजार का विनियमन) कानून, 2017 अधिसूचित किया है, जिसमें मवेशी बाजार में कत्ल के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है।

त्रिपुरा के कृषि एवं पशु संसाधन विकास मंत्री अघोर देबबर्मा ने आईएएनएस से कहा, "केंद्र सरकार द्वारा जारी नया मवेशी व्यापार व वध नियम लोगों के हितों के खिलाफ है। हम नए नियम को राज्य में लागू नहीं करेंगे।"

सत्ताधारी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) ने भी केंद्र सरकार के नए मवेशी व्यापार व वध नियम की आलोचना की है।

माकपा की त्रिपुरा इकाई के सचिव बिजन धर ने संवाददाताओं से कहा, "लोगों का एक बड़ा तबका खासकर दलित समुदाय मवेशियों की खाल का कारोबार करता है। किसान मवेशियों का व्यापार करते हैं, अल्पसंख्यक समुदाय प्रोटीन के लिए मवेशियों पर निर्भर है, जो नए नियम से प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होंगे।"

उन्होंने कहा, "हमारे देश में संघीय लोकतंत्र है। केंद्र सरकार कई चीजें राज्यों की सहमति के बिना नहीं कर सकती। भाजपा सरकार ने एकपक्षीय रूप से मवेशी व्यापार व वध नियम को बनाया है।"
 

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