गोयनका, चौकसे और सत्पथी की जमानत पर फैसला सुरक्षित
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल मामले में फंसे आधा दर्जन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने आज तीन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा;
जबलपुर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले में फंसे आधा दर्जन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने आज तीन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा और तीन याचिकाओं पर सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की है।
मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश वी के शुक्ला की युगलपीठ ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया। व्यापमं घोटाले की जांच उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है। सीबीआई ने फर्जी मेडिकल दाखिले घोटाले में 245 व्यक्तियों को आरोपी बनाते हुए कुल 592 आरोपियों के खिलाफ भोपाल के विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था।
सीबीआई ने एलएन मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन जय नारायण चौकसे, एलएन मेडिकल कॉलेज के एडमिशन इंचार्ज डॉ डी के सत्पथी, चिरायु मेडिकल कॉलेज के डॉ अजय गोयनका, डॉ विजय कुमार पंड्या, डॉ विजय कुमार रमणानी और चिकित्सा शिक्षा के सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक एनएस श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया था।
उन पर आरोप था कि उन्होंने षड्यंत्र के तहत स्कोरर्स को परीक्षा में बैठाया और चयनित होने के बाद उन्होंने अंतिम समय में दाखिला नहीं लिया। निजी मेडिकल कॉलेज ने अंतिम समय में इन सीटों पर आयोग्य छात्रों को दाखिला दे दिया।
भोपाल के विशेष न्यायालय ने अग्रिम जमानत का आदेश खारिज करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी किये थे। जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
सुनवाई के दौरान डॉ. सत्पथी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह, जय नारायण चौकसे की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण पारीख तथा डॉ गोयनका की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने पक्ष रखा। उनकी तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान किया जाए।
सीबीआई की तरफ से एएसजी जे के जैन ने जमानत याचिकाओं पर आपत्ति व्यक्त करते युगलपीठ को बताया कि आरोपियों ने मोटी रकम लेकर आयोग्य छात्रों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिया है। उन्होंने योग्य छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। उन पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ प्रदान नहीं किया जाए।
सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने डॉ सत्पथी, जय नारायण चौकसे, डॉ गोयनका की जमानत अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
इसके साथ ही डॉ पण्डया, डॉ रमणानी और एन एम श्रीवास्तव की अर्जियों पर न्यायालय ने सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की है।