आचार संहिता खत्म होते ही शहर में अवैध यूनिपोल की बढ़ी संख्या
गाजियाबाद ! नगर निगम ने चार महीने पहले 300 से ज्यादा अवैध यूनिपोल काटने का दावा किया था लेकिन आचार संहिता के दौरान फिर से शहर में अवैध यूनिपोल की बाढ़ आ गई।;
गाजियाबाद ! नगर निगम ने चार महीने पहले 300 से ज्यादा अवैध यूनिपोल काटने का दावा किया था लेकिन आचार संहिता के दौरान फिर से शहर में अवैध यूनिपोल की बाढ़ आ गई। जिन स्थानों को निगम ने खाली कराया था, वहां फिर से विज्ञापन पोल खड़े हो गए हैं। पार्षदों की शिकायत पर महापौर ने अपर नगरायुक्त को अवैध यूनिपोल कटवाने व तत्काल बीओटी प्रभारी से काटे गए यूनिपोल के लोहे की जानकारी मांगी है। महापौर ने शुक्रवार को अपर नगरायुक्त डीके सिन्हा को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा है कि बीओटी फर्मों द्वारा अनुबंध में तय किए गए स्थानों के अलावा भी बड़े-बड़े विज्ञापन पट लगाए जा रहे हैं। इनके अलावा अवैध यूनिपोल भी लगाए गए हैं। यह न केवल शहर की सुंदरता बिगाड़ रहे हैं, बल्कि आंधी-बारिश के दौरान दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है।
उन्होंने अनुमति से ज्यादा और अवैध यूनिपोल को हटाने के निर्देश दिए हैं। महापौर अशु वर्मा ने तत्कालीन बीओटी प्रभारी अरुण कुमार गुप्त से काटे गए यूनिपोल के जब्त किए गए स्ट्रक्चर की जानकारी मांगी है। उन्होंने पूछा है कि काटे गए 300 से ज्यादा यूनिपोल का लोहा किस गोदाम में रखा गया है, इसकी जानकारी तत्काल उपलब्ध कराएं। नगरायुक्त अब्दुल समद का कहना है कि अवैध यूनिपोल, होर्डिंग्स को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही अभियान चलाकर इन्हें काटा जाएगा। अवैध यूनिपोल से पूरे साल का विज्ञापन शुल्क वसूला जाएगा। पूर्व में विज्ञापन फर्मों के खिलाफ 12 करोड़ की आरसी जारी की जा चुकी है। अब जल्द ही नए विज्ञापनों के लिए आरसी जारी की जाएगी।