गंगा संग्रहालय तथा इसके संरक्षण की योजनाओं पर विचार किया गया

सम्मेलन में पहले दिन लोक जीवन पर गंगा के प्रभाव तथा इसके संरक्षण की योजनाओं पर विचार किया गया;

Update: 2018-11-29 19:58 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन (एनएमसीजी) गंगा नदी के इतिहास, इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं तथा इसके लोकमहत्व को लेकर गंगा संग्रहालय बनाने पर विचार कर रहा है और इसके लिए विशेषज्ञ गहन मंथन कर रहे हैं। 

एनएमसीजी द्वारा गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में भारत तथा यूरोपीय संघ के विशेषज्ञ आमंत्रित किए गए हैं। सम्मेलन का विषय ‘गंगा संग्रहालय विकास विचार :भारत तथा यूरोप के बीच अनुभव और विचारों का आदान प्रदान’ है। सम्मेलन में पहले दिन लोक जीवन पर गंगा के प्रभाव तथा इसके संरक्षण की योजनाओं पर विचार किया गया।

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय में सचिव यू पी सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संग्रहालय में गंगा की पौराणिक कथाओं तथा इसके आध्यात्मिक महत्व, इसे संरक्षित करने के प्रयासों, गंगा के आसापास चल रही आर्थिक गतिविधियों तथा इसकी जैव विविधता और इसमें रहने वाले जलचरों के बारे में व्यापक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ गंगा संग्रहालय की अवधारणा को मजबूती प्रदान करेंगे। 

एनएमसीजी के निदेशक आर आर मिश्रा ने कहा कि यह संग्रहालय कहां खोला जाएगा इसके लिए अभी स्थान का चयन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों का गंगा से धामिर्क तथा आर्थिक लगाव है और उन्हें इससे जुड़ाव महसूस हो इसके लिए यह संग्रहालय महत्वपूर्ण साबित होगा।
सम्मेलन में देश विदेश के करीब 35 विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इसके अलावा मंत्रालय के प्रतिनिधि भी गंगा सफाई से जुडे कार्यक्रमों की जानकारी विशेषज्ञाें में साझा कर रहे हैं। 
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