एफपीआई ने मई में 18,617 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में 18,617 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। वी.के. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने कहा कि भारत के पक्ष में स्पष्ट झुकाव के साथ एफपीआई रणनीति में एक अलग बदलाव है;

Update: 2023-05-15 06:46 GMT

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में 18,617 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। वी.के. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने कहा कि भारत के पक्ष में स्पष्ट झुकाव के साथ एफपीआई रणनीति में एक अलग बदलाव है। 2023 के पहले तीन महीनों में, एफपीआई भारत के प्रीमियम मूल्यांकन और चीन के फिर से खुलने के अवसरों व दक्षिण कोरिया, हांगकांग और ताइवान में अपेक्षाकृत कम मूल्यांकन के कारण भारत में निरंतर विक्रेता था। विजयकुमार ने कहा कि वह चरण अब समाप्त हो गया है और भारत एक बार फिर एफपीआई के लिए एक पसंदीदा उभरता बाजार गंतव्य बन गया है।

पिछले 12 कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई लगातार खरीदार बने हुए हैं। मई में 12वीं के जरिए उन्होंने 18,617 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी।

वित्तीय क्षेत्र एफपीआई का पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है। वे कैपिटल गुड्स और ऑटो के भी खरीदार थे।

विजयकुमार ने कहा कि चूंकि रुपया मजबूत है और निकट भविष्य में डॉलर में गिरावट की उम्मीद है, इसलिए एफपीआई के भारत में खरीदारी जारी रखने की संभावना है। भारत के मैक्रोज में सुधार भी भारत में निरंतर प्रवाह का समर्थन करता है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अप्रैल के आखिरी दिनों में आक्रामक खरीदार बने।

एफपीआई ने 29 अप्रैल तक 9,752 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी मार्च के लिए मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के बढ़ते प्रवाह के साथ सीएडी के संकुचन के परिणामस्वरूप 2022-23 की तीसरी तिमाही के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है।

2022-23 के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार में और वृद्धि के साथ, 2022-23 की चौथी तिमाही में सीएडी के और भी कम होने की संभावनाएं उज्‍जवल हैं। बाहरी स्थिरता मजबूत होने के बावजूद आंतरिक स्थिरता में योगदान देने वाले कारकों में भी सुधार हुआ।

दस्तावेज में कहा गया है कि 2022-23 में केंद्र और राज्यों के लिए राजकोषीय मानदंड मजबूत रहे हैं, जैसा कि ठोस राजस्व सृजन और व्यय की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखा गया है।

Full View

Tags:    

Similar News