यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण, सरकार ने किया ऐलान

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों के नामों की घोषणा कर दी है;

Update: 2022-01-25 23:31 GMT

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों के नामों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री एवं राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह का निधन खराब स्वास्थ्य की वजह से 21 अगस्त 2021 को हुआ था।

उत्तर प्रदेश में 'बाबूजी' के नाम से प्रसिद्ध कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे और भाजपा में सोशल इंजीनियरिंग की नींव रखने वाले बड़े नेता माने जाते थे। ब्राह्मण,ठाकुर और बनियों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा के साथ पिछड़ी जातियों को जोड़ कर कल्याण सिंह ने राज्य में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी।

जनसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले कल्याण सिंह के करिश्मे और पिछड़ी जातियों में उनकी लोकप्रियता की वजह से ही भाजपा को 1991 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ। कल्याण सिंह के करिश्मे को स्वीकार करते हुए भाजपा ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री बनाया। उन्ही के कार्यकाल में 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद केंद्र की तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद वो राम मंदिर आंदोलन के एक बड़े नेता बन गए।

भाजपा आलाकमान के साथ मतभेद के कारण उन्हें आगे चलकर पार्टी भी छोड़ना पड़ा, लेकिन बाद में राज्य में उनके जनाधार और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा उन्हें वापस पार्टी में लेकर आई। कल्याण सिंह को राज्यपाल बनाया, उनके बेटे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया को लोकसभा का सांसद बनाया और पोते संदीप सिंह को विधानसभा चुनाव में जीत दिलवा कर योगी सरकार में मंत्री बनवाया।

हिंदुत्व के बड़े चेहरे और राम मंदिर के लिए अपनी सरकार की कुर्बानी देने के कारण आज भी कल्याण सिंह की लोकप्रीयता उत्तर प्रदेश की जनता में बरकरार है।

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