उप्र में पूर्व डीजीपी जगमोहन पर जमीन कब्जाने का मुकदमा दर्ज

समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे जगमोहन यादव के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने गुरुवार को जमीन कब्जा करने के विवाद में मुकदमा दर्ज किया;

Update: 2019-08-09 01:51 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे जगमोहन यादव के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने गुरुवार को जमीन कब्जा करने के विवाद में मुकदमा दर्ज किया। यह एफआईआर पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव के बेटे विजय यादव ने राजधानी के गोसाईंगंज थाने में लिखाई है। विजय सिंह यादव ने अपनी तहरीर में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के अलावा कई अन्य अज्ञात लोगों पर अवैध ढंग से जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। इस मामले को पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बड़ी गंभीरता से लिया है। गोसाईंगंज मामले की जांच में जुट गई है।

पुलिस का कहना है कि राजधानी में शहीद पथ के पास हरिहरपुर गांव में प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की काफी जमीन है। इसी जमीन में से तीन बीघा भूमि पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव ने बिन्नी इंफ्राटेक के नाम से खरीदी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम यादव के बेटे विजय यादव ने भी गायत्री प्रजापति से ही जमीन खरीदी थी। 

इस जमीन पर कब्जा को लेकर दोनों पक्षों में काफी दिन से विवाद चल रहा है। विजय यादव का कहना है कि उन्होंने कोर्ट से स्टे ले रखा है फिर भी पूर्व डीजीपी जबरदस्ती उनकी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करते रहते हैं। मंगलवार को पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव जब इस जमीन पर कब्जा करने पहुंचे तो विजय यादव ने विरोध किया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया था। उस समय अपर पुलिस अधीक्षक राजेश श्रीवास्तव और सीओ गोमतीनगर अवनीश्वर चंद्र ने काम रुकवा दिया था और मौके पर पहुंचे एसडीएम ने पैमाइश करने की बात कही थी। 

यह मामला जब डीजीपी ओपी सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने जमीन का पूरा ब्योरा निकलवाया था। डीजीपी का कहना है कि जमीन मामले में बवाल करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस मामले में विजय सिंह यादव का कहना है कि विवादित जमीन पर उनका कब्जा है। हालांकि मामले में पूर्व डीजीपी की तरफ से भी कुछ कागजात पेश किए गए, लेकिन जांच में पता चला कि डीजीपी रहते जगमोहन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कागजात बनवा लिए थे। 

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