आत्महत्या करने को मजबूर अतिथि शिक्षक 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 1 जुलाई से घमासान मचा हुआ है और एक-एक करके अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से छुट्टी की जा रही है;

Update: 2017-07-07 14:37 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 1 जुलाई से घमासान मचा हुआ है और एक-एक करके अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से छुट्टी की जा रही है। इसके कारण स्थायी शिक्षकों के प्रमोशन, ट्रांसफर और शिक्षकों के सरप्लस के साथ ही खराब प्रदर्शन बता कर भी गेस्ट टीचर्स को बाहर किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला 4 जुलाई को सामने आया, जब राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल कराला के प्रिंसिपल कुलदीप सिंह ने टीजीटी विज्ञान गेस्ट टीचर राकेश मलिक को रिलीव कर दिया। रवि कुमार ने 4 जुलाई को शाम को फेसबुक पर एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने यह पूरी जानकारी दी साथ ही बताया कि मुझे गलत तरीके से खराब प्रदर्शन का बहाना बनाकर रिलीव किया गया है तथा इसके सम्बन्ध में पहले कोई मेमो अथवा शोकॉज नोटिस नहीं दिया गया। सीधे ही मुझे रिलीविंग लैटर हाथ में थमा दिया गया। यदि रिजल्ट को ही आधार बनाया गया था, तो स्थाई शिक्षकों का परिणाम भी बहुत खराब था। उनका कहना है कि जॉब जाने के बाद अब मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। मैं पिछले तीन साल से ईमानदारी से काम कर रहा हूं, अब तक कोई समस्या नहीं आई। जॉब न होने से मैं अपने बच्चों की फीस तक जमा नहीं कर पाऊंगा। मेरा पूरा परिवार उजड़ गया है, भगवान अगले जन्म में मुझे गेस्ट टीचर न बनाए। 
       

  अतिथि शिक्षकों ने बातचीत में बताया कि जब से यह लैटर फेसबुक पर वायरल हुआ है, गेस्ट टीचर्स के बीच दहशत का माहौल है। गेस्ट टीचर्स का कहना है कि पता नहीं कब किस पर गाज गिर जाए और किसको स्कूल से रिलीव होना पड़े। रिलिव्ड गेस्ट टीचर्स को लेकर सरकार के पास अभी तक कोई स्पष्ट नीति नहीं है। जहां एक ओर सरकार 9500 नए गेस्ट टीचर्स की भर्ती करने जा रही है, वहीं दूसरी ओर पुराने गेस्ट टीचर्स एक एक करके रिलीव किये जा रहे हैं। गेस्ट टीचर्स दिल्ली सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द रिलिव्ड गेस्ट टीचर्स के लिए कोई स्पष्ट नीति बनाकर लागू किया जाए जिससे तीन दिन के अंदर किसी भी कारण से रिलीव्ड गेस्ट टीचर्स को अन्य स्कूल में पुन: नियुक्ति दी जा सके। जिससे गेस्ट टीचर आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर न हों। 
 

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