देश में लंबित मुकदमों का पहाड़ है : उप्र कानून मंत्री

न्यायालयों में जाने वाले विवादों में 90 प्रतिशत विवाद अपनों के बीच के होते है। व्यक्ति जब अपनों से हार जाता है तो न्याय की आस में वह न्यायलय की शरण में जाता है;

Update: 2018-03-15 01:37 GMT

लखनऊ। न्यायालयों में जाने वाले विवादों में 90 प्रतिशत विवाद अपनों के बीच के होते है। व्यक्ति जब अपनों से हार जाता है तो न्याय की आस में वह न्यायलय की शरण में जाता है। उसके हारे हुए मन को कोर्ट के अधिवक्ता हौसला देते हैं। इस प्रकार देखा जाए तो अधिवक्तागण हाताश व्यक्ति के मन में आशा का संचार करते हैं जोकि जीवन के लिए बहुत जरूरी है। 

यह विचार उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने राजधानी के एक विश्वविद्यालय में शिक्षकों और भविष्य के अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। पाठक बुधवार को क्लाइंट काउसलिंग एण्ड अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश में लंबित मुकदमों का पहाड़ है जिसे तोड़ने के लिए वर्तमान सरकार हरसंभव यत्न कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य हो गया है जहां के प्रत्येक जिले में लोक अदालतों का गठन हो चुका है। इसी प्रकार महिलाओं से संबंधित विवादों के लिए 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट और 110 परिवार अदालतों के गठन पर भी तेजी से कार्य चल रहा है।

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