कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना पर गठित जीओएम की पहली बैठक

 कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना को लेकर पुनर्गठित मंत्री समूह (जीओएम) ने यहां सोमवार को अपनी पहली बैठक की और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने के मुद्दों पर चर्चा की;

Update: 2019-09-17 00:00 GMT

नई दिल्ली। कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना को लेकर पुनर्गठित मंत्री समूह (जीओएम) ने यहां सोमवार को अपनी पहली बैठक की और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने के मुद्दों पर चर्चा की। गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में जीओएम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' सदस्य के रूप में शामिल हैं।

शाह की अध्यक्षता में सभी मंत्रियों ने गृह मंत्रालय के नार्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में बैठक की।

मामले की जानकारी रखनेवाले अधिकारियों ने बताया कि डेढ़ घंटों से अधिक लंबी चली इस बैठक में जीओएम ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और संभव कानूनी तंत्र के मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना पर जीओएम का पहली बार गठन अक्टूबर 2018 में किया गया था, जो इन मामलों से निपटने के लिए कानूनी और संस्थागत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सिफारिशों पर गौर करता है।

मोदी 2.0 सरकार के कार्यभार संभालने के बाद इस समिति का पुनर्गठन किया गया, जिसमें शाह ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की जगह ले ली, जोकि पूर्व गृहमंत्री के रूप में समिति के प्रमुख थे।

अधिकारी ने बताया कि पता चला है कि नई जीओएम आनेवाले दिनों में और बैठकें करेगा और प्राप्त सुझावों की जांच के लिए हितधारकों के साथ बैठक करेगा।

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