फिल्म रिव्यु : लव आज कल 

इम्तिआज़ अली की फिल्म का अपना ही एक अलग क्रेज है जिसमें प्रेम की एक अलग ही परिभाषा होती है जो युवा दिलों को झकझोर देती;

Update: 2020-02-14 18:21 GMT

फिल्म रिव्यु 
लव आज कल 

कलाकार - कार्तिक आर्यन, सारा अली खान, रणदीप हुड्डा और आरुषि शर्मा  
इम्तिआज़ अली की फिल्म का अपना ही एक अलग क्रेज है जिसमें प्रेम की एक अलग ही परिभाषा होती है जो युवा दिलों को झकझोर देती है, जिसमें प्रेम के साथ साथ जुदाई को इतना खूबसूरत तरीके से दिखाया जाता है की हम उसमें डूबने लगते है, 'जब वी मेट' से लेकर ' लव आज कल' जो इस सप्ताह रिलीज़ हुई है को दर्शकों ने हमेशा ही सराहा है। इस फिल्म में भी प्यार है, रिलेशन है और साथ साथ एक कम्प्लीकेशन है जो युवाओं को समझ नहीं आता की वो आकर्षण है, प्रेम है या फिर एक फितूर। 

लगभग 10 साल पहले सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म भी इसी नाम से इम्तिआज़ ने बनाई थी इसी शीर्षक और इसी स्टोरी में थोड़ा बदलाव करके और मुख्य भूमिका में कार्तिक आर्यन और सारा अली खान को लेकर नई 'लव आज कल' रिलीज़ हुई और यह कहना गलत नहीं होगा की कार्तिक और सारा आज की हॉट सेलेब्रिटी है और दूसरा वैलेंटाइन्स डे जैसा दिन, यह सभी चीज़े इस फिल्म को हिट करने के लिए काफी है। 
फिल्म में दो कहानी चलती है एक वर्तमान में और एक भविष्य में, जहाँ जोई यानि सारा अली खान आज के समय की लड़की है जो अपने करियर की तरफ ध्यान देती है वो खूबसूरत है, बिंदास है और बेबाक है और जो लड़को के साथ दोस्ती तो करती है लेकिन बिना किसी कमिटमेंट के, वो किसी रिलेशनशिप में नहीं बंधना चाहती, उसे लगता है की रिलेशनशिप पाँव की बेड़ियों का काम करती है और वो अपने करियर को ऊँचा उठाना चाहती है।  एक रात उसकी मुलाकात वीर यानि कार्तिक आर्यन से होती है जो अपनी ही धुन में मगन रहने वाला लड़का है, देखने में बेवकूफ लगता है लेकिन प्रोग्रामिंग इंजीनियर है जिसकी अपनी ही एक अलग दुनियां है और उस दुनियां में चाँद सितारे सब कुछ है। जोई उसकी तरफ आकर्षित हो जाती है, वो उससे रिलेशन बनाना चाहती है लेकिन वो इस प्रेम को बहुत यूनिक और अलग मानता है उसको लगता है की अगर वो इस तरह का रिश्ता बनाता है तो वो कहीं न कहीं अपने आपसे समझौता करेगा इसीलिए वो उसको मना कर देता है, जोई इसे अपना अपमान समझकर चली जाती है। वीर उसे प्रेम करता है इसीलिए उसके पीछे पीछे उसके ऑफिस चला जाता है जहाँ उसकी मुलाकात रणदीप हुड्डा से होती है, रणदीप हुड्डा के ऑफिस में ही जोई काम करती है। यहाँ से कहानी एक अलग मोड़ लेती है जब रणदीप हुड्डा जोई को अपनी प्रेम कहानी सुनाता है जो नब्बे के दशक की है, जहाँ रघु यानि कार्तिक आर्यन यानि रणदीप हुड्डा की युवा अवस्था जो उदयपुर में रहते है और अपने ही स्कूल में पढ़ने वाली लीना यानि आरुषि शर्मा से प्यार करता है और इस प्यार के चक्कर में वो पूरे उदयपुर में जाने जाते है, फिर क्या होता है यह तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा क्योंकि रणदीप हुड्डा की लव स्टोरी सुनकर जोई पर इतना प्रभाव पड़ता है की वो वीर को समझने लगती है उसे एहमियत देने लगती है, फिर क्या होता है जोई के करियर का यह भी फिल्म में देखने को मिलेगा। दो घंटे बीस मिनट की इस फिल्म में स्टोरी कई जगह स्लो हो जाती है जो खलने लगती है, पास्ट और प्रेजेंट में दर्शक उलझा हुआ महसूस करते है, लेकिन इम्तिआज़ ने प्रेम और प्रेम में होने वाले दर्द और उसके बाद होने वाली घुटन को बहुत ख़ूबसूरती से दिखाया है।  जहाँ तक कलाकारों की अदाकारी की बात  है फिल्म में सारा जितनी खूबसूरत लगी है उतनी ही आत्मविश्वासी भी लगी है और यही इस फिल्म की फ्रेशनेस है।  वहीँ कार्तिक आर्यन रघु और वीर दोनों ही किरदारों में बहुत जानदार लगे है और रघु के किरदार में तो बहुत क्यूट लगे है। आरुषि शर्मा जो इस फिल्म में डेब्यू कर रही है वो काफी सुंदर लगी है और नब्बे के दशक के किरदार को उन्होंने बखूबी जिया है। जहाँ तक संगीत की  बात है प्रीतम का संगीत फिल्म में दमदार बन पड़ा है, खासकर 'शायद'। 

फिल्म समीक्षक 
सुनील पाराशर 

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