लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ रहा लड़ाई : कन्हैया

कन्हैया कुमार ने भागलपुर जिले के नाथनगर में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जनता एक बार धर्म के नाम पर देश-बंटवारे का दंश झेल चुकी है और आज पुनः केंद्र सरकार ऐसा करना चाह रही है;

Update: 2020-02-08 00:33 GMT

भागलपुर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ धर्म के नाम पर देश को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी लड़ाई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लेकर नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र और संविधान बचाने की है।

श्री कुमार ने आज भागलपुर जिले के नाथनगर में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जनता एक बार धर्म के नाम पर देश-बंटवारे का दंश झेल चुकी है और आज पुनः केंद्र सरकार ऐसा करना चाह रही है। लेकिन, हम ऐसा कभी नहीं होने देगें। धर्म के नाम पर लोगों की नागरिकता छीनने के प्रयास को कभी पूरा नहीं होने दिया जायेगा।

भाकपा नेता ने कहा कि यह लड़ाई किसी को बड़ा बनाने के लिए नहीं है बल्कि भारतीय तिरंगा लहराने की लड़ाई है। केंद्र देश पर जबरन एनआरसी थोपना चाहती है, जो उन्हें उल्टा पड़ गया है। देश के लोग अपना ईमान कभी नहीं बेचेंगे और न ही किसी की नागरिकता छीनने देंगे।

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