यूपी पंचायत चुनाव में इस बार एक करोड़ से ज्यादा मतदाता डालेंगे वोट, लिस्ट में बढ़े 40.19 लाख वोटर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में इस बार 40.19 लाख मतदाता बढ़े हैं। वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में कुल 12.29 करोड़ मतदाता थे और अब इस बार यह संख्या बढ़कर 12.69 करोड़ हो गई है।;
लखनऊ। यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में इस बार 40.19 लाख मतदाता बढ़े हैं। वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में कुल 12.29 करोड़ मतदाता थे और अब इस बार यह संख्या बढ़कर 12.69 करोड़ हो गई है। 23 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी। वहीं अंतिम मतदाता सूची छह फरवरी 2026 को जारी होगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 1.05 करोड़ मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इसमें 18 साल की आयु पूरी करने वाले 15.71 लाख मतदाता हैं।सबसे ज्यादा 1.80 लाख वोटर लखीमपुर खीरी में बढ़े हैं। कुल नौ जिलों में एक लाख से ज्यादा वोटर बढ़े हैं। सबसे ज्यादा 72 हजार वोटर गाजीपुर में घटे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को अप्रैल-मई 2026 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची के आंकड़े जारी किए।
पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत प्रदेश में 1,81,96,367 नए मतदाता जोड़े गए। 1,41,76,809 अयोग्य मतदाताओं के नाम काटे गए। पुनरीक्षण के बाद पिछली मतदाता सूची की अपेक्षा नई सूची में 40 लाख 19 हजार 558 (3.269 फीसदी) मतदाता बढ़े हैं। काटे गए नामों में मृत, विस्थापित व डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक 53,67,410 डुप्लीकेट मतदाता शामिल थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त आरपी सिंह ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि पुनरीक्षण के पहले प्रदेश में पंचायत चुनाव के कुल मतदाता 12,29,50,052 थे। ये संख्या अब 12,69,69,610 हो गई है। मतदाता का नाम जोड़ने हटाने या अपडेट करने का काम ई-बीएलओ एप के माध्यम से किया गया है। इससे चुनाव में पारदर्शिता रहेगी। सबसे कम वोट कटने वाले जिलों में वाराणसी में 682, मैनपुरी में 72 हजार, महोबा में 20 हजार, कुशीनगर में 14 हजार और गाजीपुर में 72 हजार काटे गए।
1.05 करोड़ युवा वोटर बने
18 से 23 वर्ष के ऐसे लोग जो पहली बार वोटर बने उनकी संख्या एक करोड़ पांच लाख रही। इसमें 18 वर्ष वाले 15.71 लाख वोटर हैं। निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पुनरीक्षण के दौरान नए वोटरों को जोड़ने को प्राथमिकता दी गई। तराई के जिलों में सबसे अधिक मतदाता बढ़े हैं।
आपत्ति का मिलेगा मौका
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची का प्रकाशन 23 दिसंबर को होगा। जिन मतदाताओं को कोई आपत्ति है या जिनको लगता है कि वह योग्य हैं फिर नाम कट गया है उनको आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया जाएगा।
आपत्ति दर्ज कराने वाले की बात तथ्यात्मक रूप से सही मिलने पर उनका नाम जोड़ा जाएगा। आपत्तियों के बाद 6 फरवरी को अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।
यहां बढ़े एक लाख से अधिक मतदाता
जिला आंकड़ा (लाख में)
लखीमपुर खीरी 1.80
गोंडा 1.62
सिद्धार्थनगर 1.61
बहराइच 1.29
बलिया 1.09
शाहजहांपुर 1.07
जौनपुर 1.04
अलीगढ़ 1.००
79857 पोलिंग स्टेशन व 1.99 लाख पोलिंग बूथ बनेंगे
ग्राम पंचायत की संख्या घटने के कारण अबकी 79857 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। पिछली बार 80750 पोलिंग स्टेशन थे। वहीं इस बार 1.99 लाख पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। पिछली बार 2.02 लाख पोलिंग बूथ होंगे।
मोबाइल एप से पकड़े जाएंगे फर्जी वोटर, दर्ज होगा मुकदमा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहली बार फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। सभी मतदाताओं को एफआरएस के माध्यम से पहचाना जाएगा। अगर वह एक बार वोट डालने के बाद दूसरे पोलिंग स्टेशन पर वोट डालने जाएगा तो तत्काल उसे मोबाइल एप की मदद से पकड़ लिया जाएगा। फिर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
21.08 लाख मतदाताओं के नाम व लिंग की त्रुटि दूर की
पुरानी मतदाता सूची में शामिल 21.08 लाख मतदाताओं के नाम, पिता का नाम और लिंग इत्यादि की त्रुटियां दूर की गई हैं। नई मतदाता सूची में इन सभी गड़बड़ियों को दूर किया गया है।
अब तक नहीं गठित हुआ समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग
पंचायत चुनाव की मतदाता सूची छह फरवरी को जारी हो जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी पटरी पर चल रही है। वहीं अब निगाहें शासन की ओर हैं क्योंकि उसे समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग गठित करना है। आयोग ही ओबीसी आरक्षण तय करेगा। पंचायती राज निदेशालय की ओर से करीब ढाई महीने पहले ही प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, मगर अभी तक गठन नहीं हुआ है। आयोग को आरक्षण तय करने में समय लगेगा। अगर अब इसमें देरी हुई तो अप्रैल-मई 2026 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना चुनौती होगा।
अब 9 अंकों का नंबर... बनेगा मतदाता की पहचान
राज्य निर्वाचन आयुक्त आरपी सिंह ने बताया कि 2021 तक की सूची में जितने मतदाता थे उन सभी को एक स्टेट वोटर नंबर दिया गया है। इनमें वह मतदाता शामिल नहीं है जिनके नाम काटे गए हैं। 9 अंकों का ये नंबर बहुत कारगर साबित होगा। यही मतदाता की पहचान होगी। इसी नंबर के जरिये पता चलेगा कि मतदाता कौन है? कहां का रहने वाला है? उसने कब-कब और कहां-कहां मतदान किया है। एक बार जो नंबर जारी हो जाएगा उसको एक ही मतदाता को दिया जाएगा। उसका नाम हटने के बाद ये नंबर फ्रीज रहेगा। किसी अन्य को जारी नहीं किया जाएगा। मतलब हर मतदाता का ये यूनिक नंबर होगा। पुनरीक्षण-2025 की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद बढ़े हुए मतदाताओं को भी ये नंबर जारी किया जाएगा।