दिल्ली 'गैस चैंबर' में तब्दील, एक्यूआई 400 पार; गंभीर श्रेणी में दर्ज प्रदूषण

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में है। ITO समेत कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है, जिसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है।;

Update: 2025-12-13 04:32 GMT

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में है। शनिवार सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई। आसमान में स्मॉग की चादर दिखाई दी। कई क्षेत्रों में जहरीली स्मॉग की मोटी परत छाई रही। इसके चलते दृश्यता कम रही। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। वहीं, सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया, जो हवा की गंभीर श्रेणी को दर्शाता है।

आज यानी शनिवार सुबह एम्स क्षेत्र में दृश्यता कम रही। स्मॉग की परत छाई रही, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। यही हाल आनंद विहार में भी रहा। क्षेत्र के आसपास एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 434 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार गंभीर श्रेणी में रखा गया है।

आईटीओ क्षेत्र में जहरीली स्मॉग की मोटी परत छाई रही। क्षेत्र के आसपास एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 417 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार गंभीर श्रेणी में रखा गया है। अक्षरधाम क्षेत्र के आसपास एक्यूआई 419 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के अनुसार गंभीर श्रेणी में रखा गया है। संसद मार्ग क्षेत्र में भी दृश्यता कम रही। क्षेत्र के आसपास एक्यूआई 356 दर्ज किया गया है, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बहुत खराब श्रेणी में रखा गया है।

इस गंभीर समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति प्रमुख शैक्षणिक विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, ऑटोमोटिव अनुसंधान संस्थानों और अन्य क्षेत्रीय विशेषज्ञों को एकजुट करती है, जो वाहन क्षेत्र में उत्सर्जन कम करने के लिए मजबूत और बहुआयामी रोडमैप की सिफारिश करेगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि रविवार और सोमवार को भी हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, शनिवार को भी कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार बीते मानसून में भी इसी तरह का अनियमित पैटर्न देखने को मिला था। मानसून समय से पहले आया, फिर 10 से 15 दिनों का लंबा ब्रेक लिया, अपने पीक पर कमजोर रहा, लेकिन अंत में भारी बारिश और तबाही के साथ विदा हुआ। ठंड के मौसम को लेकर भी विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार ठंड का असर अचानक और असमान तरीके से दिख सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। खुले में एक्सरसाइज से बचने, मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर निकलने से परहेज करने की अपील की गई है. बढ़ता प्रदूषण और बदलता मौसम, दोनों मिलकर दिल्ली-एनसीआर के लिए एक गंभीर चेतावनी बनते जा रहे हैं।

Tags:    

Similar News