मनरेगा भुगतान के लिए किसान संघ करेगा आंदोलन

गोवर्धन पूजा, दीपावली, लक्ष्मीपूजा प्रमुख पर्व है, प्रत्येक परिवार पर त्यौहारी खर्च का इस समय सर्वाधिक दबाव होता है;

Update: 2018-10-27 16:00 GMT

राजनांदगांव।  जिले में मनरेगा भुगतान को लेकर जिला किसान संघ आंदोलन की तैयारी में है । शुक्रवार को संयुक्त कलेक्टर एमड. तिगाला को किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने दीपावली, गोवर्धनपूजा, लक्ष्मी पूजा के मद्देनजर तत्काल भुगतान सुनिश्चित कराने ज्ञापन सौंपा है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 को भी सात महीने होने को है और भारी संख्या में लोगों के मनरेगा भुगतान लंबित है वही काफी संख्या में 2017-18 का भुगतान भी बकाया है। जिलेभर के मजदूरों का लगभग तीन करोड़ का भुगतान लंबित है।

15 दिनों में भुगतान का नियम है बावजूद छ: महिने साल भर से भी भुगतान लंबित है, यदि तत्काल भुगतान सुनिश्चित नहीं हुआ तो आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।

जिले में लंबित मनरेगा भुगतान मतदान पूर्व कराने जिला किसान संघ का प्रतिनिधि मंडल छग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू से राजधानी में भेंटकर चुका है।

जिले में लंबित मनरेगा भुगतान के संबंध में मुख्यमंत्री को पूर्व में दिए गए ज्ञापन एवं संबंधित दस्तावेज की प्रतियां भी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराकर भुगतान नहीं होने की स्थिति में मतदान प्रतिशत में प्रभाव की बात भी कही गई थी।

साथ ही उदाहरण स्वरूप मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पनेका संबंधी समस्त दस्तावेज भी उपलब्ध कराया गया था। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पनेका मनरेगा भुगतान में शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता का उदाहरण है।

पंचायत के पनेका, बांकल एवं फरहद गांव के सैकड़ों मजदूर को सालभर या अधिक समय का भुगतान नहीं मिला है, जब पनेका के मजदूरों ने किसान महापंचायत के प्रचार के दौरान जिला किसान संघ से संपर्क किया तो आंदोलन की चेतावनी के बाद आंशिक भुगतान कर 2017-18 का पूरा भुगतान हो जाने एवं 2018-19 के लिए आबंटन नहीं होने की बात कही गई, लेकिन जिला किसान संघ द्वारा मजदूरों के खातों का परीक्षण किया गया तो 2017-18 का भुगतान बकाया निकला जिस पर पुन: जनपद पंचायत में संपर्क किया गया तो वहां ये कार्य अन्य एजेंसी जल संसाधन विभाग एवं उद्यान विभाग के द्वारा कराये जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया। 

जिला किसान संघ मजदूरों को दीवाली पूर्व भुगतान दिलाने पूरी प्रतिबद्धता से संघर्ष करेगा।

यदि शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जावेगा एवं अभियान भी चलाया जावेगा। चुनाव के चलते किसान मजदूर हित के कार्य विपरीत रूप से प्रभावित हो रहे है, जबकि चुनाव प्रक्रिया मजदूर किसानों के पहुंच से काफी दूर हो गई है।

आम जनता की भूमिका मात्र मतदान करने तक सीमित हो गई है। मजदूर या किसान तो योग्यता होने के बावजूद चुनाव नहीं लड़ सकता। 

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