किसानों का सरकार को अल्टीमेटम-"सड़कों के बाद अब रेलवे की बारी"

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार और किसानों के बीच ठन गई है;

Update: 2020-12-10 19:02 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार और किसानों के बीच ठन गई है। जहां एक तरफ सरकार झुकने को तैयार नहीं है तो वहीं अब किसान लगातर उग्र हो रहे हैं। जी हां आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर से किसानों को सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही है तो वहीं अब किसानों ने सरकार को सीधे अल्टीमेटम दे दिया है। किसान नेताओं द्वारा आज प्रेस कांफ्रेंस की गई और कहा कि अगर सरकार ने नए कानून रद्द नहीं किये तो रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा।

किसान नेता बूटा सिंह ने आज कहा कि हमने सरकार को दस तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारी बात नहीं सुनते हैं और कानून को रद्द नहीं किया जाता है तो हम रेलवे पटरियों को जाम कर देंगे। आज की बैठक में हमने यह तय किया है कि हम भारत की जनता को रेलवे ट्रैक पर लायेंगे। संयुक्त किसान मंच जल्दी ही तिथि की घोषणा करेगा। किसानों ने आम जनता से माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आम जनता से नहीं है और उनकी असुविधा के लिए हम उनसे क्षमा मांगते हैं लेकिन सरकार से अपनी बात मनवाने का यहीं एकमात्र और आखिरी रास्ता है।

गौरतलब है कि अब धीरे धीरे ये किसान आंदोलन व्यापक हो रहा है। अब किसानों ने कौशाम्बी जाने वाले रास्ते पर भी धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है और पुलिस ने इस रास्ते को बंद कर दिया है। वहीं आज गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने कहा कि कृषि बिल वापस लिये बिना आगे की बातचीत संभव नहीं है।
आपको बता दें कि आज राजधानी दिल्ली में हो रहे इस किसान आंदोलन का 15वां दिन है। किसान अपनी जिद्द पर अड़े हैं कि जब तक सरकार ये कानून वापस नहीं लेती है तब तक वह राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे।

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