धरने पर बैठे किसानों को मिला अन्य गांव के किसानों का समर्थन
मुआवजा प्रकरण को लेकर धरने पर बैठे दोस्तपुर मंगरौली गांव के किसानों के समर्थन में अन्य गांव के किसान भी धरना स्थल पहुंचने लगे है;
नोएडा। मुआवजा प्रकरण को लेकर धरने पर बैठे दोस्तपुर मंगरौली गांव के किसानों के समर्थन में अन्य गांव के किसान भी धरना स्थल पहुंचने लगे है। शनिवार को छपरौली गांव के दर्जनों किसानों ने समर्थन में जुटे व घोषणा की वे किसानों के हित की लड़ाई में उनके साथ है।
बताते चले कि गांव दोस्तपुर मंगरौली के किसान पिछले 3 दिनों से धरने पर बैठे हैं। लेकिन नोएडा विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन के कोई सक्षम अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा। लिहाजा किसानों ने न तो होलिका दहन की न ही होली खेली।
गांव के किसानों ने बताया कि भूमि का अधिग्रहण 2009-2010 में नोएडा विकास प्राधिकरण द्बारा किया गया है, जिसमें ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी आबादी को भी अधिग्रहण कर लिया गया है। जैसे ही किसानों को इसकी जानकारी मिली वे प्राधिकरण व जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों के पास गए, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया।
इससे नाराज होकर किसान उच्च न्यायालय की शरण में गए। उच्च न्यायालय ने 26 मई 2010 को अधिग्रहण के बाबत यथास्थिति आदेश पारित कर दिया। किसानों का आरोप है कि न्यायालय द्बारा यथास्थिति आदेश देने के बाद भी एडीएम (एलए) ने 31 दिसम्बर 2013 में उनके जमीन को मात्र 118 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से अवार्ड घोषित कर दिया।
इस संबंध में जिला प्रशासन ने किसानों को कोई जानकारी अथवा नोटिस देना भी मुनासिब नहीं समझा। आश्चर्य की बात है कि आसपास के सभी गांव के किसानों को नोएडा विकास प्राधिकरण 5060 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दे रहा है। यहां किसी भी किसान को मुआवजा नहीं दिया गया है और न गांव की आबादी का निस्तारण किया गया है। इसलिए ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
किसानों का आरोप है कि आज भी उनके गांव का राजस्व अभिलेखों में किसानों का नाम दर्ज है। किसान अपनी जमीन पर आज भी खेती कर रहे हैं वहीं कुछ जमीन पर परिवार सहित लोग रह भी रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गांव के किसानों ने इस वर्ष होली का पारम्परिक त्यौहार भी नहीं मनाए न होलिका दहन भी किया है।