डीएस भट्टी के तबादले पर अड़े आईएमटी के किसान

  पिछले 17 दिसम्बर से आईएमटी में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान अब एचएसआईआईडीसी फरीदाबाद के सीनियर मैनेजर डी.एस. भट्टी के तबादले को लेकर अड़ गए हैं;

Update: 2018-02-20 13:53 GMT

फरीदाबाद।  पिछले 17 दिसम्बर से आईएमटी में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान अब एचएसआईआईडीसी फरीदाबाद के सीनियर मैनेजर डी.एस. भट्टी के तबादले को लेकर अड़ गए हैं। किसानों का कहना है कि डी.एस. भट्टी ने आईएमटी में जो भी कार्य करवाएं है उन सब में भ्रष्टाचार किया है। उनका कहना है कि किसानो की 1832 एकड़ जमीन आईएमटी फरीदाबाद के लिए अधिगृहित की गई थी।

अधिग्रहण से हजारों किसान व उनके बच्चे बेरोजगार हो गए। उनके घर भी सरकार ने आईएमटी के लिए अधिगृहित कर लिए। आर.एंड.आर. पालिसी के तहत किसानों को एक अच्छे हरे भरे वातावरण में एक अच्छा आधारिक संरचना जैसे अच्छे पार्क, सड़के, बिजली, पानी व सीवर की सुविधाएं बनाकर आर.एंड. आर. के प्लाट देने थे। लेकिन डी.एस. भट्टी ने कानून के विरूद्ध जाकर पार्कों व ग्रीन बेल्ट में रिलिज एक्सचेंज के प्लाट अलाट कर दिए, जिससे ग्रीन बेल्ट बिल्कुल खत्म हो गई।

इसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया। किसान संघर्ष समिति के प्रधान रामनिवास नागर ने बताया कि जमीन के बदले में सरकार ने 2014 में मुआवजा देना था लेकिन पिछले 4 वर्षों में इस अधिकारी ने मुआवजा टुकड़े-टुकड़े करके दिया तथा अभी भी सैंकडों किसानों को मुआवजा नहीं मिला। टुकड़े-टुकड़े किए हुए मुआवजा राशि किसानों द्वारा खर्च कर दी गई जिससे किसान सड़क पर आ गए। मुआवजा बांटने में भी इस अधिकारी ने भारी भ्रष्टाचार किया है। जहां आर.एंड.आर. के प्लाट विकसित किए गए हैं वहां भी इस अधिकारी ने ठेकेदार से मिलकर घटिया क्वालिटी का मैटेरियल, सीवर व पानी की लाइनों में घटिया क्वालिटी के पाइप प्रयोग करके भारी भ्रष्टाचार किया है।

जहां सड़के 12 मीटर की बननी चाहिए थी वहां 6 से 8 मीटर की बना दी गई हैं। सड़कों में जो मिट्टी को प्रयोग किया गया है वह आर.एंड. आर. के प्लाटों से उठा ली गई जिससे प्लाटों में 15 से 20 फीट गहरे गड्डे बन गए हैं। इसमें भी करोडों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है।

अब किसान पिछले 60 दिन से इस अधिकारी के विरूद्ध धरने पर बैठे हैं  लेकिन इस अधिकारी की ऊपर तक सांठगांठ होने की वजह से किसानों की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। इस अधिकारी के तबादले के लिए किसान सभी मंत्रियों व अधिकारियों से प्रार्थना कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

उद्योगपति भी इस अधिकारी के कार्य करने से खुश नहीं है। जो 132 करोड़ रुपए एसाइड स्कीम के तहत सैक्टर-24, 25, डीएलएफ एवं एनआईटी इंडस्ट्रियल एरिया में एक साल पहले लगने थे वह अभी तक उस कार्य का यह अधिकारी टैंडर भी नहीं करवा पाया, जिससे उद्योगपतियों में भारी रोष है। फरीदाबाद इंडिस्ट्रीयल एसोसिएशन से जुड़े कुछ उद्योगपतियों का कहना है कि यह अधिकारी काम ही नहीं करवाना चाहता, जिसकी वजह से सरकार द्वारा एक वर्ष पूर्व जारी 132 करोड़ रुपए का टैंडर नहीं हो पा रहा। इन इंडस्ट्रियल एरिया में सड़कों व सीवर, पानी लाइनों का बुरा हाल है, लेकिन इस अधिकारी की मनमानी के चलते उद्योगपति परेशानी की हालत में है।

रामनिवास नागर ने यह मांग की है कि डी.एस. भट्टी का तुरंत तबादला किया जाए तथा इस अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की विजिलेंस द्वारा जांच की जाए। किसानों का कहना है कि जब तक यह अधिकारी यहां से बदला नहीं जाएगा तब तक वह धरना नहीं उठाएंगे और अगर जल्द ही इसका तबादला नहीं किया गया तो किसान सड़क पर आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे तथा आईएमटी में चल रहे उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। 

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