किसानों का मुआवजा निवेशकों की जेब पर डालेगा डाका
कब्जे के लिए सड़कों पर उतर चुके निवेशकों पर बिल्डर की दोहरी मार पड़ने जा रही है। दरअसल, ऐसे किसान जिनको प्राधिकरण द्वारा 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा देना है;
नोएडा। कब्जे के लिए सड़कों पर उतर चुके निवेशकों पर बिल्डर की दोहरी मार पड़ने जा रही है। दरअसल, ऐसे किसान जिनको प्राधिकरण द्वारा 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा देना है। यह रकम प्राधिकरण उन बिल्डरों से हासिल करेगा जिन बिल्डरों ने इन किसानों की जमीन पर अपनी परियोजनाओं का निर्माण कर रखा है। ऐसी जमीन का आंकलन किया जा चुका है। सप्ताह भर में नोटिस जारी किए जाएंगे।
जाहिर है करोड़ों रुपए के बकाए की मार झेल रहे बिल्डर यह पैसा निवेशकों से ही वसूल करेगा। बिल्डर निवेशकों पर कौन -कौन से चार्ज लगाएगा यह स्थिति भी एक सप्ताह में स्पष्ट हो जाएगी।
शहरीकरण के लिए प्राधिकरण द्वारा किसानों की जमीनों का अधीग्रहण किया गया। इसके बदले किसानों को विकसित भूखंड व कोर्ट के निर्देशानुसार 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा दिया जाना है। आदेश के बाद भी सैकड़ों की संख्या में ऐसे किसान है जिनको बढ़ी दर का मुआवजा नहीं मिल सका है।
वह आए दिन प्राधिकरण के चक्कर काट रहे है। किसानों को राहत देते हुए मुआवजे की रकम बिल्डर द्वारा वसूल करने का पूरी योजना का प्रारूप बनाया जा चुका है। इसके तहत प्राधिकरण ने ऐसे किसानों की जमीनों का सर्वे किया जिसके एवज में किसानों को 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा दिया जाना है।
जमीन का प्रयोग वर्तमान में किस प्रयोजन के लिए किया जा रहा है। अधिग्रहीत जमीन पर अधिकांशता बिल्डर की परियोजनाएं चल रही है। जिसमे से कुछ परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है। प्राधिकरण ने यह देखा कि बिल्डर ने किसानों से अधिग्रहीत कितनी जमीन पर अपनी परियोजना का निर्माण किया है। उस जमीन के बदले प्राधिकरण बिल्डर से 4.4 रुपए प्रतिवर्गमीटर से 1000 रुपए प्रतिवर्गमीटर की दर से ये रकम वसूल करेगा।
सप्ताह भर में ऐसे बिल्डरों को नोटिस जारी किया जाएगा। 30 दिन के अंदर बिल्डरों को यह रकम प्राधिकरण में जमा करानी होगी। जाहिर है पहले से बकाया की मार झेल रहे बिल्डर निवेशकों से ही यह रकम वसूल करेंगे। इसके लिए निवेशकों पर डबल मार झेलनी होगी।
पहली कब्जा, बुनियादी सुविधाओं की कमी, ईएमआई और अब बिल्डर द्वारा सप्ताह भर में दिए जाने वाले नोटिस की। बताते चले कि प्रति बिल्डर यह रकम करीब 2 से 5 करोड़ रुपए के आसपास की है। ऐसे में यदि बिल्डर द्वारा किसी जमीन पर 500 फ्लैट बनाए है। तो वह उसी हिसाब से निवेशकों पर अतरिक्त भार बढ़ाएगा।
बताते चले कि अधिग्रहीत जमीन के बदले प्राधिकरण को करीब 900 करोड़ रुपए किसानों को दिए जाने है। जिसमे से अधिकांश रकम किसानों को दी जा चुकी है। बची रकम का भुगतान भी किसानों को एक माह में कर दिया जाएगा।