ग्राम गाड़ाघाट में गौठान बनने से किसान अब हो गए है निश्चिंत

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना ''नरव, गरवा, घुरवा, बाड़ी'' के अंतर्गत ग्राम पंचायत खाती के आ़िश्रत ग्राम गाड़ाघाट, जनपद पंचायत साजा, जिला बेमेतरा छ.ग. में गौठान निर्माण कार्य हुआ;

Update: 2019-09-25 16:26 GMT

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना ''नरव, गरवा, घुरवा, बाड़ी'' के अंतर्गत ग्राम पंचायत खाती के आ़िश्रत ग्राम गाड़ाघाट, जनपद पंचायत साजा, जिला बेमेतरा छ.ग. में गौठान निर्माण कार्य हुआ है। जिसमें ग्राम गाड़ाघाट गौठान में कुल 470 मवेशी है। सभी मवेशियों को चारागाह के माध्यम से गोैठान परिसर में लाया जाता है।

गौठान परिसर में सी.पी.टी. एवं डब्लू.ए.टी. कार्य हुआ है, जिससे बरसात के दिनों में ज्यादा से ज्यादा पानी सी.पी.टी. एवं डब्लू.ए.टी. मेंं इक्कठा होकर आसपास के क्षेत्र में वाटर लेवल बढ़ाने में सहायता हो एवं बरसात के पानी का उचित निदान हो सके। किन्तु गौठान परिसर में फैंसिंग कार्य नहीं होने के चलते गांव वाले एवं ग्राम पंचायत मवेशियों की सुरक्षा एवं लगाये गये पौधों की सुरक्षा हेतु काफी चिंचित हैं। अत: गौठान परिसर में फैंसिंग कार्य भविष्य में होने से इन सभी परेशानियों से निजात पाया जा सकता है।

गौठान परिसर में 3 पानी टंकी बनायी गयी है, जिससे गौठान परिसर में रहने वाले मवेशियों को बोर के माध्यम सेे शुध्द पानी सु-व्यवस्थित ढ़ग से उपलब्ध हो रहा है। गौठान परिसर में 3 चबुतरा निर्माण कार्य भी कराया गया है जिसमें से दो आयाताकार एवं एक गोला में बनाया गया है। तीनों चबुतरों में तीन बड़े पेड़ बरगद, पीपल, और नीम पहले से लगें हुये है।

जिससे गर्मी के दिनों मेें मवेशियों को छाया मिल सके एवं चबुतरा में आराम कर सके। गोैठान परिसर में कन्हार मिट्टी होने की बजह शुरूवात में बरसात होने से कीचड़ एवं दलदली हो रहा था। जिससे वहां रहने वाले मवेशियों को परेशानी हो रहा था। लेकिन गौठान परिसर मे अब मुरूमीकरण कार्य होने से कीचड़ एवं दलदली नहीं हो रहा है तथा मुरूमीकरण कार्य होने से गौठान के रूपरेखा भी सुव्यवस्थित दिखाई दे रहा है।

गौठान परिसर में 2 शेड़ बनाये गये है, जिससे एक शेड़ 15उग्6उ तथा दुसरा 9उग्6उ है, जिससें मवेशियों को बरसात में छाया उपलब्ध हो पाता है। गौठान परिसर में 2 वर्मी कम्पोस्ट बांस से बने शेड के साथ लगाये गये है, जिससे गौठान परिसर में गोबर का उचित प्रबंध किया गया है तथा गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है, जिससे गौठान समिति गठन को आय प्राप्त होगा। राज्य सरकार ने गोबर से बने जैविक खाद की प्रति किलो 6.5 रू. निर्धारित की गई है। 

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