Farmer Protest: उग्र होता जा रहा है किसान आंदोलन, सरकार से वार्त्ता हुई शुरु
आज केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच चौथे दौर की बातचीत जारी है;
नई दिल्ली। देश के हर कोने से किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। आज लगातार आठवें दिन किसान राजधानी दिल्ली में सड़कों पर बैठे हैं तो वहीं अब धीरे-धीरे ये विरोध प्रदर्शन और भी व्यापक होता जा रहा है। आज केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच चौथे दौर की बातचीत जारी है। विज्ञान भवन में ये बातचीत चल रही है। किसानों ने एक पीडीएफ के जरिए सरकार को अपनी सभी मांगों के बारे में अवगत करा दिया है और अब सरकार इस मुद्दे पर बातचीत कर रही है।
बातचीत से पहले ही किसानों ने सरकार से साफ तौर पर कहा है कि सरकार के पास बातचीत का यह अंतिम मौका है। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाए। किसानों ने साफ कहा कि वह इस काले कानून के खिलाफ तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक सरकार उनके आगे झुक नहीं जाती।
गौरतलब है कि किसान और किसान यूनियन लगातार केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के कोने कोने से सभी किसान राजधानी दिल्ली में जमा हो रहे हैं। सड़के छावनी में तब्दील हो चुकी हैं। सभी बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा लग चुका है। चिल्ला बॉर्डर पर भी अब किसानों का प्रदर्शन जारी है। राजधानी दिल्ली को किसान चारों ओर से घेर रहे हैं ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके। भारी पुलिस बल राजधानी और एनसीआर के कोने कोने पर तैनात हैं। किसानों से लगातार हाईवे खाली करने की अपील की जा रही है ताकि यातायात जो प्रभावित हो रहा है वह पहले जैसा हो जाए।
आपको बता दें कि जहां एक तरफ किसान और सरकार के बीच बातचीत जारी है तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई है। वहीं किसान आंदोलन को लेकर पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने सरकार को पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। प्रकाश बादल ने सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप भी लगाया है। वहीं अब सिंघु बॉर्डर पर भीम आर्मी के नेता चंद्र शेखर ने किसानों से मुलाकात की है। अब देखना होगा कि ये किसान आंदोलन कौन सा रुप लेगा।