आग की घटनाओं में आई कमी, हादसों से मिली राहत

राजधानी में जमकर हुई आतिशबाजी से धुएं के गुब्बार और धुंध में एक बार फिर कोहरे जैसी धुंध की चादर बिछ गई;

Update: 2017-10-21 00:04 GMT

नई दिल्ली। राजधानी में जमकर हुई आतिशबाजी से धुएं के गुब्बार और धुंध में एक बार फिर कोहरे जैसी धुंध की चादर बिछ गई और बुजुर्गों, अस्थमा रोगियों, दिल के रोगियों, छोटे बच्चों के साथ- साथ जानवरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री की गई। दिल्ली अग्निशमन विभाग को राहत जरूर रही क्योंकि आग लगने की घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गई है। पिछले साल दीपावली पर 160जगह आग लगी थी जो इस वर्ष 54 स्थानों पर रही।

आतिशबाजी के चलते अग्निशमन विभाग के कर्मियों को भी आने वाले फोन ने खूब छकाया और पिछली रात 12 बजे से दीपावली की रात 9 बजे तक 139 फोन आए। इसमें दीपावली की रात 9 बजे से 11 बजे तक ही कुल पास 62 फोन दर्ज किए गए।

दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों के अनुसार बीते वर्ष दीपावली की रात 243 स्थानों पर आग की सूचना आई थी जबकि इस साल 204 स्थानों से फोन आए।

वर्ष 2016 में छोटी दीपावली की रात 12 बजे से दीपावली की रात व गोवर्धन की सुबह पांच बजे तक 403 फोन नियंत्रण कक्ष में दर्ज किए गए थे जबकि इस साल इसी अवधि में 258 घटनाएं हुईं।

दीपावली पर जमकर हुई आतिशबाजी के कारण आग की घटनाओं पर अधिकारियों ने बताया कि फोन कॉल का आखिरी आंकड़ा अभी आना बाकी है, लेकिन अनुमान हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल फोन की संख्या में कमी आई है और इसकी वजह उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखों की बिक्री पर रोक लगाया जाना है।

अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया, हमारे पास पिछली रात 12 बजे से आज रात 9 बजे तक 139 फोन आए. रात 9 बजे से 11 बजे तक हमारे पास 62 फोन आए। पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर में कपड़े के एक गोदाम में आग लगने के बाद वहां मौके पर 20 अग्निशमन वाहनों को भेजा गया है। अधिकारी बताते हैं कि दीपावली पर इस बार 54 स्थानों आग की घटनाएं हुईं जबकि पिछली बार 160 बताई गई थी। इस साल विकास नगर कालोनी में रॉकेट से आग लग गई।

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