विशेष दर्जा मिलने से ही बिहार में निवेश संभव : नीतीश
नीतीश ने राज्य में कम प्रतिव्यक्ति आय, घनी आबादी, स्थलरुद्ध भौगोलिक स्थिति और संसाधानों की कमी को आधार बनाते हुए आज कहा कि इस परिस्थिति में तीव्र विकास के लिए उद्योग एवं कारोबार में निवेश जरूरी है;
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कम प्रतिव्यक्ति आय, घनी आबादी, स्थलरुद्ध भौगोलिक स्थिति और संसाधानों की कमी को आधार बनाते हुए आज कहा कि इस परिस्थिति में तीव्र विकास के लिए उद्योग एवं कारोबार में निवेश जरूरी है, जो प्रदेश को विशेष दर्जा मिलने पर ही संभव होगा।
श्री कुमार ने यहां 15वें वित्त आयोग के साथ हुई बैठक के दौरान कहा कि बिहार स्थलरुद्ध प्रदेश है। इसलिए यहां अन्य तटीय राज्यों की तरह उद्योग स्थापित करने एवं कारोबार के लिए निवेश नहीं है। यह राज्य को विशेष दर्जा मिलने पर ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने सामान्य एवं विशेष राज्य के दर्जे में अंतर नहीं करने की बात कही थी, यह विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में प्रतिव्यक्ति आय कम है लेकिन यहां व्यक्तिगत काम के द्वारा लोगों की आमदनी बढ़ी है, जो आंकड़ों में प्रतीत नहीं होता है। जो राज्य पिछड़े हैं, वहां संसाधनों की कमी है। वहां पर अन्य राज्यों की तरह ‘इक्वेलिटी’ और ‘इक्वेलाइजेशन’ के आधार पर संसाधन का वितरण करना उचित नहीं है। इसके कारण जो राज्य पिछड़े हैं, पिछड़ते ही चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की आबादी अधिक है। इसकी वजह ऐतिहासिक भी है क्योंकि यह क्षेत्र उपजाऊ था, वातावरण बढ़िया था एवं अन्य भी कई कारण थे। यहां जनसंख्या का घनत्व बहुत ज्यादा है। ऐसे में बेहतर सुविधा के लिए राज्य सरकार कई काम अपने फंड से कर रही है।
श्री कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए लड़कियों को शिक्षित करने को अनिवार्य मानकर सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्लस टू विद्यालय शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। अभी तक राज्य सरकार अपने फंड से 1200 ग्राम पंचायतों में प्लस टू स्कूल खोल चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 8400 ग्राम पंचायत हैं। शेष पंचायतों में स्कूल खोलने के लिए आठ से नौ हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इस पर 15वें वित आयोग को विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षित करने के लिए राज्य में साइकिल योजना एवं पोशाक योजना लागू की गई है।