रोजमर्रा की बिजली से चलने वाली वस्तुओं को सौर ऊर्जा से बनाया जाए: डा. हर्षवर्धन

विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण डा. हर्षवर्धन ने आज एक मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता को राष्ट्र को समर्पित करते हुए;

Update: 2017-06-29 23:02 GMT

नई दिल्ली। विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण डा. हर्षवर्धन ने आज एक मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता को राष्ट्र को समर्पित करते हुए सेंट्रलइलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यकलापों का अवलोकन किया। सीईएल ने सौर रिक्शा की छत के रूप में उपयोग के लिए विशेष लचीला सौर पैनलों को डिजाइन तैयार किया है और ये सौर पैनल पूरे दिन बैटरी को लगातार चार्ज करते हैं और रिक्शा के एक दिन में चलने की क्षमता को दूना करते हैं जिससे रिक्शा खींचने वाले के शारीरिक श्रम में कमी के साथ ही आय बढ़ती है।

रिक्शे में बैटरी को डीप डिस्चार्ज से बचने के लिए प्रावधान किया गया है जिससे बैटरी का जीवन बढ़ जाता है और ये दो साल से भी अधिक समय तक चल सकती है, इस रिक्शे में ऐसी व्यवस्था है कि इसकी गद्दियों को चालक के लिए सोने के लिए या किसी आपात स्थिति में मरीज को लिटाकर अस्पताल पहुचाने के लिए एक बिस्तर का प्रावधान है। यह रिक्शा आधुनिक तकनीकों से लैस है और इसमें अखबार या सामान रखने का रैक, सुरक्षा बत्तियां, अधिक रोशनी वाली हेडलाइट, हॉर्न, स्पीडोमीटर, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट आदि शामिल हैं।

डा. हर्षवर्धन ने आम आदमी की हर रोजमर्रा की जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा से वस्तुओं को बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे बिजली की खपत कम होगी और पर्यावरण की रक्षा भी हो सकेगी।

सीईएल के परिसर में सौर प्रौद्योगिकी पार्क की आधारशिला रखते हुए डा. हर्षवर्धन को अधिकारियों ने बताया कि यहां प्रशिक्षण केंद्र, घरों के लिए सौर ऊर्जा के लिए प्रोत्साहन पर विशेष प्रणाली सहित घरेलू प्रकाश व्यवस्था, सड़क प्रकाश व्यवस्था, सौर जल पम्पिंग सिस्टम, ड्रिप सिंचाई, सौर फ व्वारे, सौर मिनी ग्रिड, सौर वृक्ष, नेट पैमाइंडिंग, ऊर्जा कुशल निर्माण प्रौद्योगिकी तकनीक सहित पूरी श्रृंखला प्रदर्शित की।

डा. हर्षवर्धन ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारतीय डीएनए का एक हिस्सा है और उन्होंने वृषारोपण भी किया। कार्यक्रम में सीईएल के नलिन सिंघल सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

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