आज भी प्रासंगिक हैं निजामुद्दीन औलिया के संदेश : नायडु

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आज कहा कि हजरत निजामुद्दीन औलिया के संदेश आज भी प्रासंगिक और सार्वभौम हैं;

Update: 2018-02-22 03:23 GMT

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आज कहा कि हजरत निजामुद्दीन औलिया के संदेश आज भी प्रासंगिक और सार्वभौम हैं।

श्री नायडु ने यहाँ 16वीं सदी के बाग परिसर का जीर्णोद्धार कर बनायी गयी सुंदर नर्सरी के उद्घाटन के मौके पर कहा कि हजरत निजामुद्दीन औलिया के संदेश समय की सीमाओं से परे और सार्वभौम हैं। कई भारतीय संतों तथा फकीरों की तरह उनके लिए अल्लाह के प्रति प्रेम का मतलब मानवता के प्रति प्रेम था। उनका संदेश अल्लाह की अनुभूति के लिए प्रेम को माध्यम बनाने पर जोर देता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विरासतों का जीर्णोद्धार, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन ही भविष्य के लिए सबसे अच्छा रास्ता है। यह भविष्य में ऐतिहासिक स्मारकों के जीर्णोद्धार के लिए उदाहरण है। हम सिर्फ इतिहास का संरक्षण ही नहीं कर रहे, बल्कि महान भविष्य की नींव भी रख रहे हैं।

इस मौके पर इस्माइली शिया समुदाय के धार्मिक नेता प्रिंस करीम आगा खान, आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

श्री नायडु ने कहा कि सुंदर नर्सरी सार्वजनिक निजी भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है और लोगों की जिंदगी सुधारने तथा स्वच्छता पर सरकार के फोकस के अनुरूप है।

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