ढाई माह बाद भी बीज घोटाले की फाइल नहीं मिलने से जांच अटकी
कृषि एवं बीज विकास निगम में हुए हाइब्रीड बीज खरीदी घोटाले की जांच अटक गई है;
रायपुर। कृषि एवं बीज विकास निगम में हुए हाइब्रीड बीज खरीदी घोटाले की जांच अटक गई है। इसकी जांच के लिए वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू की अध्यक्षता में समिती बनी है। लेकिन आज तक इस मामले की फाइल ही समिति को नही दी गई है।जिसके चलते ढाई महीनों में यह समिति आज तक एक बैठक तक नहीं कर पाई है। वही कृषि मंत्री का कहना है कि मामले में विधानसभा ने जांच समिति बनाई है। उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्रवाई होगी।
मामला साल 2021 का है। विधानसभा में छत्तीसगढ़ कृषि एवं बीज विकास निगम को भेजे गए हाइब्रीड बीज के खराब गुणवत्ता का मामला धनेंद्र साहू ने उठाया था। मामले की सरकारी जांच में गुणवत्ता प्रमाणित नहीं पाई गई थी, ऐसे में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने आपूर्तिकर्ता कंपनी त्रिमूर्ति प्लांट साइंस कंपनी को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। इसमें उसका भुगतान भी रोकना था और उसके बीजों को राजसात भी करना था। बीज निगम ने ऐसा कर भी दिया। कुछ महीने बाद बीज निगम केवल भुगतान के लिए इस डीबार कंपनी से प्रतिबंध हटा लिया। उसको 2 करोड़ 61 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया।
साल 2022 के बजट सत्र में यह मामला फिर उठा। इस बार कृषि मंत्री ने इसे गलती बताया। विपक्ष ने विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इसे स्वीकार कर लिया।उन्होंने कहा प्रतिबंधित कंपनी को 2.61 करोड़ का भुगतान करने के साथ ही अफसरों ने उसी कंपनी से नए भी खरीदा था। इसके आधार पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा की समिति ने जांच कराने की घोषणा कर दी। 25 मार्च को विधानसभा के तत्कालीन प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने पांच विधायकों की एक समिति के गठन का आदेश जारी कर दिया। समिति के सदस्य और भाजपा विधायक सौरभ सिंह बताते हैं, अब तक इस मामले में एक बैठक तक नहीं बुलाई गई है। हमें इसके संबंध में कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है। सौरभ सिंह ने कहा, उन्हें आशंका है कि ऐसे ही देर करके यह मामला दबा दिया जाएगा।
अब तक फाइल ही नहीं मिली : धनेन्द्र साहू
त्रिमूर्ति बीज घोटाले की जांच के लिए बनी समिति का अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू को बनाया गया है। धनेंद्र साहू ने बताया कि अभी तक उन्हें इस मामले की फाइल ही नहीं दी गई है। उसके अभाव में कोई बैठक नहीं हो पाई है। मामले की फाइल मिले तो ही जांच शुरू हो पाएगी।
कृषि मंत्री बोले, जांच विधानसभा को करनी है
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, डिबार कंपनी को भुगतान करके गलत तो हुआ है। विधान सभा ने जांच समिति बनाई है। उनको मामले की जांच करनी है। यह जांच हो जाए तो उसकी रिपोर्ट के आधार पर विभाग कार्रवाई करेगा। विधानसभा ने अगले सत्र से पहले इसकी रिपोर्ट मांगी है।