रोजगार की स्थिति 2020 में होगी बेहतर, लेकिन आशावाद 6 साल के निम्न स्तर पर : सर्वे

आईएएनएस-सीवोटर के मत सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि देश में लोगों को लगता है कि हाल के दिनों में रोजगार के अवसरों में कमी के बावजूद साल 2020 में स्थिति रोजगार के मामले में बेहतर होगी;

Update: 2019-12-31 23:19 GMT

नई दिल्ली। आईएएनएस-सीवोटर के मत सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि देश में लोगों को लगता है कि हाल के दिनों में रोजगार के अवसरों में कमी के बावजूद साल 2020 में स्थिति रोजगार के मामले में बेहतर होगी। आईएएनएस-सीवोटर के स्टेट आफ द नेशन पोल 2020 के मुताबिक, 44.5 फीसदी प्रतिभागियों ने उम्मीद जताई कि नए साल में रोजगार के अवसर बेहतर होंगे जबकि सर्वे में शामिल एक तिहाई प्रतिभागियों को लगता है कि इस मामले में स्थिति और खराब होगी।

सर्वे में शामिल 24 फीसदी से कुछ अधिक लोगों ने कहा कि वह मौजूदा हालात में कोई बेहतरी होते नहीं देख रहे हैं। हालांकि, अधिकांश प्रतिभागियों ने भविष्य को लेकर आशा जताई लेकिन फिर भी उनके आशावाद का स्तर छह साल के निम्न स्तर पर रहा।

बीते दो सालों में नरेंद्र मोदी सरकार नए रोजगार का सृजन करने में जबरदस्त चुनौती का सामना कर रही है। अर्थव्यवस्था में लगातार सुस्ती बनी हुई है। जीडीपी जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर छह साल में सबसे कम 4.5 फीसदी के स्तर पर आ गई।

युवाओं को मोदी सरकार का प्रबल समर्थक वर्ग माना जाता रहा है लेकिन अगर सरकार रोजगार सृजन में सफल नहीं हुई तो उसके सामने इस समर्थन को खोने का खतरा मंडरा रहा है। बेरोजगारी पहले ही 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

केंद्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों में 102 लाख करोड़ रुपये की आधारभूत परियोजनाओं को लाने जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और नए रोजगारों का सृजन होगा।
 

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