कृषि कानून के विरोध में कर्नाटक में शुरुआती घंटों में असरदार बंद

कर्नाटक में कई किसान, दलित और कन्नड़ संगठनों ने संसद में कृषि संबंधी विधेयकों के पारित होने के खिलाफ सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय बंद (राज्यव्यापी) को सफल बनाने का प्रयास किया।;

Update: 2020-09-28 13:45 GMT

बेंगलुरु । कर्नाटक में कई किसान, दलित और कन्नड़ संगठनों ने संसद में कृषि संबंधी विधेयकों के पारित होने के खिलाफ सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय बंद (राज्यव्यापी) को सफल बनाने का प्रयास किया। इन संगठनों के बंद के आह्वान का असर कर्नाटक के बड़े हिस्से में प्रभावी तौर पर देखा गया, वहीं मंगलुरु और उडुपी जैसे जिलों में इसका कोई खास असर नहीं नजर आया, क्योंकि इन क्षेत्रों में संघ परिवार के समूहों का प्रभाव है।

दोनों विपक्षी दल, कांग्रेस और जद (एस) ने इन संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया है और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति भी अपने राज्य मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर भारत बंद में भाग ले रही है।

राज्यव्यापी बंद को विफल करने के लिए सख्त कदम उठाते हुए कर्नाटक सरकार ने प्रमुख परिवहन निगमों को अपने कार्यों को जारी रखने का निर्देश दिया था, लेकिन बेलागवी, धारवाड़ जैसे कुछ जिलों में किसान और कन्नड़ समर्थक कार्यकतार्ओं ने बस स्टेशनों को सीज कर दिया और वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी।

बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंथ ने अपने ट्विटर के माध्यम से कहा कि पुलिस ने सभी उपाय किए हैं और वे उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, जो शहर में जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं।

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