लॉकडाउन के दौरान चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल आदि शिक्षा हो ऑनलाइन : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़े इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं;

Update: 2020-04-16 01:08 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़े इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा,नर्सिंग, पैरामेडिकल आदि की शिक्षा की ऑनलाइन व्यवस्था को व्यवस्थित और वृहद रूप दिया जाए, जिससे लाॅकडाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न/न पड़े।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अब तक 31,939 ई-कन्टेन्ट तैयार कर 2.29 लाख छात्रों को कनेक्ट किया है। अब तक 75,921 ऑनलाइन क्लासेज़ सम्पादित हुईं तथा 5,546 फैकेल्टी ने भाग लिया। प्रतिदिन औसतन 80,328 विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेज में सम्मिलित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो चुका है। 2,736 घण्टे का ई-कन्टेन्ट तैयार किया गया है। लगभग 9,000 शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया से जुड़े हैं। बी-टेक, एमसीए, एमबीए, बी आर्क तथा बी फार्मा के 2,06,305 विद्यार्थीगण ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आई0टी0आई0 के सभी 70 सेक्टर्स के समस्त कोर्स ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर 05 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

बैठक में श्री योगी ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए। निजी मेडिकल काॅलेज तथा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाए। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन नहीं किया जाएगा। जिन चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध उपलब्ध होंगे और डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित होंगे, वहीं इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन अनुमन्य होगा।

उन्होंने कहा कि इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सालयों को कोविड केयर अस्पताल तथा नाॅन कोविड केयर अस्पताल श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए। नाॅन कोविड केयर अस्पतालों में शेष रोगों से सम्बन्धित इमरजेन्सी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने निर्देश दिये कि एमबीबीएस तथा नर्सिंग कोर्स के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा सम्बन्धी कार्य सौपे जाएं, जिससे कोविड अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न/न हो।

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