दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड का सम्मान अर्पण समारोह संपन्न

भारतीय संस्कृति, समरसता एवं शहीदों के जीवन के जीवन पर शौर्य रचनाएं लिखने वाले देश के प्रबुद्ध साहित्यकारों को अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में पद्म सम्मान मिलते हैं;

Update: 2018-02-21 02:32 GMT

नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति, समरसता एवं शहीदों के जीवन के जीवन पर शौर्य रचनाएं लिखने वाले देश के प्रबुद्ध साहित्यकारों को अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में पद्म सम्मान मिलते हैं। यह दु:खद और पीड़ा दायक है। यह बात संसदीय कार्य एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डॉ विजय गोयल ने मंगलवार को कही। श्री गोयल राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज के समय में मॉडर्न मॉडल लाइब्रेरी की आवश्यकता है जहां पाठक अध्ययन के साथ.साथ जलपान भी कर सके। पुस्तकालय में हर तबके के व्यक्तियों के लिए रुचिकर विषयों की पुस्तकें उपलब्ध होनी चाहिए। हमारी संस्कृति विविधता से परिपूर्ण है और साहित्यकार इन विविधताओं को अपने शब्दों में ढाल कर पुस्तकों से साकार कर रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने अपनी पुश्तैनी हवेली लाइब्रेरी खोलने के लिए देने की घोषणा भी की। दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. रामशरण गौड़ ने बताया कि यह समारोह पिछले 2 वर्ष से आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देशभर से उत्कृष्ट साहित्य रचनाएं चयनित की जाती हैं और उन्हें सम्मानित किया जाता है।

डॉ. गौड़ ने कहा कि 2018 के अंत तक दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड पाठकों के लिए ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से घर.घर तक तक पहुंचाने का कार्य शुरू करेगा। इसके लिए घर घर दस्तक, घर घर पुस्तक नामक अभियान चलाया जाएगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में बोलते हुए प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला (कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल) ने विकासात्मक साहित्य के बारे में विचार व्यक्त किए। प्रोफेसर कुठियाला ने कहा कि साहित्यकारों और पत्रकारों का जितना सम्मान और उत्साहवर्धन होगा उनके लेखन से पाठक वर्ग को उतनी ही अच्छी रचनाएं प्राप्त होंगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व आईएएस और सुप्रसिद्ध नाटककार डॉ. दया प्रकाश सिन्हा ने की और दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉक्टर लोकेश शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संस्कृति मनीषी सम्मान-सतीश चंद्र मित्तल, रमेश चंद्र को दिया गया। वहीं महर्षि दधीचि सम्मान-राजेंद्र राजा, संस्कृति गांथातरा कृति सम्मान-एचबाल सुब्रमण्यम, दुर्गाभाभी सम्मान-शान्ति कुमार स्याल, संत रविदास सम्मान-डॉ. देवेंद्र दीपक, साहित्य कृति सम्मान- डॉ. सदानंद प्रसाद व बाल साहित्य श्री सम्मान डॉ राकेश चक्र को दिया गया।

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