वाहन उद्योग की मंदी से त्रस्त आटोमोटिव उपकरण उद्योग की जीएसटी घटाने की गुहार
देश में वाहनों की मांग में गिरावट से त्रस्त भारतीय आटोमोटिव उपकरण निर्माता संघ (एक्मा) ने सरकार से उपकरणों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाकर एक समान 18 प्रतिशत किए जाने की गुहार लगाई है;
नई दिल्ली। देश में वाहनों की मांग में गिरावट से त्रस्त भारतीय आटोमोटिव उपकरण निर्माता संघ (एक्मा) ने सरकार से उपकरणों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाकर एक समान 18 प्रतिशत किए जाने की गुहार लगाई है ।
एक्मा के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी और महानिदेशक विनी मेहता ने उद्योग के वर्ष 2018..19 के प्रदर्शन का संवाददाताओं को ब्यौरा देते हुए बताया कि घरेलू बाजार में वाहनों की मांग घटने से उपकरण कंपनियों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । पिछले साल सितंबर से मंदी छाई हुई है और दस माह के दौरान इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर भी संकट आया है । उपकरणों की मांग घटने से 50 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी गई है और यही स्थिति बनी रही तो यह संकट और गहरा सकता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मंदी की वजह से कितने लोगों के रोजगार छिना है।
रमानी ने सभी प्रकार के आटो उपकरणों पर वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) की दर को एक समान 18 प्रतिशत किए जाने की गुहार लगाते हुए चीन से सस्ते आयात को नियंत्रित करने की भी जरुरत बताई । फिलहाल जीएसटी की दरें 18 और 28 प्रतिशत हैं।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग के सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी विकास और अधिग्रहण के लिए वित्त उपलब्ध कराने के साथ ही अनुसंधान पर भी रियायतें देना आवश्यक है ।
श्री मेहता ने सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग की परिभाषा को बदलने के साथ ही इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए बेहतर परिभाषित प्रौद्योगिकी रोड मैप की जरुरत बताई है।
वर्ष 2018.19 के कारोबार का ब्यौरा देते हुए एक्मा अध्यक्ष ने बताया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 2.3 प्रतिशत और विनिर्माण जीडीपी में 25 प्रतिशत का योगदान देने वाले इस क्षेत्र में तीन लाख 95 हजार 902 करोड़ रुपए का कारोबार किया जो एक साल पहले की तुलना में साढ़े 14 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान आटो उपकरणों का निर्यात 17.1 प्रतिशत बढ़कर 106048 करोड़ रुपए का रहा ।
रमानी ने आयात विशेषकर चीन से बढ़ते आयात पर चिंता जताई । समाप्त वित्त में उद्योग का आयात एक साल पहले के 106672 करोड़ रुपए की तुलना में 14.4 प्रतिशत बढ़कर 123688 करोड़ रुपए हो गया । कुल आयात में 61 प्रतिशत हिस्सा एशिया का रहा जगि यूरोप और उत्तर अमेरिका से आयात क्रमश 29 और आठ प्रतिशत रहा ।