डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति : उपराज्यपाल ने उपमुख्यमंत्री को लिखा नोट
बैजल ने सिसोदिया से कहा है कि DSSSB द्वारा शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लंबी अवधि तक रोकने से नियमित शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा;
नई दिल्ली। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कहा है कि डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लंबी अवधि तक रोकने से नियमित शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस बाबत जनसुनवाई के दौरान राजिनवास में कई आवेदन मिले हैं तो वहीं उच्च न्यायालय भी पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। बता दें कि मनीष सिसोदिया ने नौ अगस्त 2017 को उपराज्यपाल को एक पत्र लिख कर भर्ती प्रक्रिया रोकने के लिए कहा था।
श्री सिसोदिया ने मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार को निर्देश दिए थे कि डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को रोक कर रखें और अतिथि शिक्षकों को महत्व देने की नीति पर विचार करें। उन्होंने शिक्षा निदेशक को भी कहा था कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अतिथि शिक्षकों को महत्व देने के आधार पर पुन: एक नीति बनायी जाए। उपराज्यपाल ने सरकार को इस प्रस्ताव को जांच के लिए कहा और उसी समय उपराज्यपाल ने डीएसएसएसबी को पूर्व में लंबित परीक्षा जो शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को रोके रखने के लिए थी तथा अपनी सहमति भी दी थी लेकिन उपराज्यपाल सचिवालयन ने छ: सप्ताह बीतने के बाद भी इस तरह का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ।
इस विषय के संबंध में 14 सितम्बर 2016 और 26 सितम्बर 2016 को दो पत्र भी भेजे गए थे। इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रोकने के संबंध में अवमानना याचिका पहले ही दाखिल की जा चुकी है और उच्च न्यायालय इस संबंध में प्रगति की निगरानी कर रहा है। उपराज्यपाल ने अपने नोट में उपमुख्यमंत्री से यह भी कहा है कि छ: सप्ताह से अधिक समय तक मामले में पहले ही देर हो चुकी है, जोकि इस भर्ती प्रक्रिया को रोके रखने के लिए उचित नही है। इसलिए बिना किसी देरी के भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जानी चाहिए।