गर्भवती महिला का ऑपरेशन से इंकार,मितानिनों के साथ पार्षद धरने पर
प्रसव पीड़ा उठने पर महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब 16 घंटे ईलाज के बाद महिला चिकित्सक ने गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने से इंकार कर बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दे डाली;
कोरबा। प्रसव पीड़ा उठने पर महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब 16 घंटे ईलाज के बाद महिला चिकित्सक ने गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने से इंकार कर बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दे डाली। महिला चिकित्सक के इस रवैये और मितानिन के साथ कथित दुर्व्यवहार के बाद गुस्सा फूट पड़ा और मितानिनों ने पार्षदों के साथ मिलकर अस्पताल में ही धरना दे डाला। बाद में दूसरे अस्पताल में महिला ने बच्ची को जन्म दिया।
जानकारी के अनुसार गेवरा बस्ती निवासी गर्भवती सुष्मिता मुण्डा को शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा उठने पर उसके पति गोविन्दा मुण्डा ने मितानिन की मदद से रात लगभग 8 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। सारी रात और आज का सारा दिन बीत जाने के बाद भी उसकी सुध किसी भी डॉक्टर ने नहीं ली। दोपहर के वक्त अस्पताल की महिला चिकित्सक श्रीमती कुजूर पीड़िता सुष्मिता मुण्डा के बिस्तर के पास पहुंची और उसकी हालत देखने के बाद ऑपरेशन करने से साफ इंकार कर दिया।
उसने गर्भवती महिला के साथ आये परिजनों और मितानिन को उसे किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी। कोई बात सुनने को डॉ. कुजूर तैयार नहीं हुई बल्कि मितानिन से भी दुर्व्यवहार किया। परिजनों का कहना था कि खून से लेकर सभी तरह की दवाईयां अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टर को मुहैया करा दी गई थी, फिर भी डिलिवरी नहीं कराई गई।
कल रात से ही डॉक्टर द्वारा परेशान करने का आरोप परिजनों लगाया और बताया कि उसके पास स्मार्ट कार्ड भी नहीं है, जिसके कारण कभी खून तो कभी दवाईयों की खरीदी में भारी दिक्कत आई। इतना सब होने के बाद ऑपरेशन करने से इंकार व दुर्व्यवहार से मितानिनों व परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया। दो दर्जन से अधिक मितानिनों और पीड़िता के परिजनों से अस्पताल परिसर में हंगामा किया।
जानकारी होते ही पार्षद एवं माटी मंच के संयोजक अमरनाथ अग्रवाल, पार्षद विकास अग्रवाल भी जिला अस्पताल पहुंचे और मितानिनों के साथ धरने पर बैठ गये। इस बीच पीड़िता को एनकेएच में भर्ती कराया गया जहां कुछ घंटे बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया। इधर जिला अस्पताल में प्रदर्शन की सूचना पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से एसडीएम बीएस मरकाम पहुंच गए थे। पार्षद अमरनाथ अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन की मध्यस्थता में महिला चिकित्सक ने दुर्व्यवहार के लिए मितानिनों से माफी मांगी। सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी ने भी अस्पताल में नियमों का पालन कराने की बात कही।