पीडब्ल्यूडी कर्मी के लिए फरिश्ता बनकर आए डॉक्टर जनक

सड़क पर अंतिम सांस गिन रहे मरीज को उठाकर डॉक्टर जनक राज अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाए तो वह किसी फरिश्ते से कम नहीं।;

Update: 2019-09-26 18:38 GMT

शिमला। सड़क पर अंतिम सांस गिन रहे मरीज को उठाकर डॉक्टर जनक राज अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाए तो वह किसी फरिश्ते से कम नहीं। ऐसा ही वाकया कल शाम देखने को मिला जब छोटा शिमला में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कर्मी रमेश छुट्टी कर अपने गांव मशोबरा लौट रहे थे।

अचानक बस में उसे बैचेनी महसूस हुई और वह छोटा शिमला में उतर गया। उतरते ही वो फुटपाथ पर बेहोश होकर गिर गया। कोई उसकी मदद को आगे नहीं आया ।

अचानक इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आईजीएमसी) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जनक राज वहां से गुजरे तो उनकी नजर सड़क किनारे बेसुध पड़े रमेश पर पड़ी। उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाकर उसे चेक किया। रमेश की हालत चिंताजनक थी। डॉ जनक ने बिना देरी किए रमेश को अपनी गाड़ी से आईजीएमसी पहुंचाया और चिकित्सकों की टीम ने कड़ी मेहनत से रमेश को नई जिंदगी दी।

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