दीवाली पर न हो अपनों से दूर होने का अहसास इसलिए एसपी पहुंचे जवानों के पास

पर्व के दौरान पुलिस की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है;

Update: 2017-10-24 14:47 GMT

पर्व के दौरान पुलिस की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। विशेषकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में तैनात जवान त्यौहार के दौरान अपनों से मिल नहीं पाते, ऐसे में उन्हे अपनों की कमी खलती है। इसलिए एसपी रजनेश सिंह जवानों से मुलाकात करने उनके बीच पहुंचे और उनका हौसला अफजाई किया। और जवान भी एसपी को त्यौहार के दौरान अपने बीच पाकर खुश नजर आए। कोपेडीह मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस जवानों को मिली ट्रांसफर की सजा।

दीवाली के दौरान कुछ पुलिस कर्मियों की लापरवाही से विवाद बढ़कर मारपीट में हुआ तब्दील। इसकी जानकारी एसपी को देने पर एसपी ने मामला शांत कराने दिए तत्काल निर्देश। बेहतर यातायात व्यवस्था ही ट्रैफिक पुलिस की रही दीवाली। जुआरियों को पकड़ने में नाकाम रही कोतवाली पुलिस। पुलिस की मददगार साबित हो रही सीसीटीवी कैमरे। 

ताकि महसूस न हो अपनों की कमी :-

दीपावली पर्व पर चारों ओर खुशियां बिखरती है। सभी अपने परिवार के साथ पर्व का आनंद उठाते है। लेकिन पुलिस जवान विशेष कर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवान अपनों से मिल नहीं पाते और पर्व पर कानून व्यवस्था बनाये रखने में जुटे रहते है। ऐसे में जवानों का हौसला अफजाई करने और उनके संग त्यौहार की खुशियां बांटने एसपी रजनेश सिंह पहुंचे। और नक्सल क्षेत्रो में तैनात जवानों से मिलकर मिठाईयां खिलाकर उनसे चर्चा की। एसपी के इस प्रयास से जहां जवानों का हौसला बढ़ा वहीं जवानों की फीकी दीवाली भी उत्साह जनक हो गई और अपनों से दूर होने का अहसास भी नहीं हुआ। 

लापरवाही पर तबादले की गाज :-

पिछले दिनों भखारा थानातर्गंत ग्राम कोपेड़ीह में टीआई पौरुष कुर्रे के नेतृत्व में कई जवान अवैध शराब पर कार्रवाई करने पहुंचे लेकिन उल्टे ही असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला बो ल दिया जिससे पुलिस लहुलुहान हो गई। इस मामले में आरोपी गिरफ्तार हो रहे है। साथ घटना की विभागीय जांच भी हुई जिसमें मौके पर मौजूद पुलिस वालों की लापरवाही भी सामने आई और यही कारण है कि एसपी में लापरवाही की सजा उनके तबादले के रुप में दी है। मौके पर मौजूद 5 पुलिस कर्मियों का तबादला भखारा थाने से कर दिया गया है। अब विभाग में इस बात की चर्चा हो रही है कि हमला करना आरोपियों को तो भारी पड़ेगा ही साथ लापरवाही भी पुलिस को भारी पड़ गयी। 

सिर्फ नाम की पुलिस :-

गौरा-गौरी विर्सजन के दौरान शहर में कई स्थानों पर लड़ाई झगड़े होते रहे। लेकिन इन पर पुलिस का कोई जोर नहीं चला। ऐसी ही घटना बाम्हणपारा वार्ड में हुयी जब रात्रि में जब विभिन्न वार्डो की प्रतिमा धूमधाम से विसर्जन के लिये वार्ड से गुजर रही थी। दो गुटो में लड़ाई शुरु हो गया जो कि विसर्जन के मार्ग में कई जगह जारी रहा। इस दौरान उत्पाती युवकों के आसपास पुलिस बल भी तैनात रहे लेकिन उनकी इतनी हिम्मत नही हो पायी वे उत्पात युवकों से सख्ती से निपट पाये। बल्कि मूकदर्शक बने देखते रहे। ऐसे में घटना स्थल पर उपस्थित भीड़ में चर्चा होती रही कि ये तो नाम की पुलिस इनके होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। 

एसपी से शिकायत के बाद :-

उक्त घटना के दौरान मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने एसपी को माहौल के बारे में व पुलिस जवानो ंकी लापरवाही की जानकारी देने फोन लगाया। जिस पर एसपी ने तत्काल एक्शन लेते हुए कोतवाली पुलिस को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। और उसके बाद उक्त व्यक्ति को मैजेस कर जानकारी भी दिए कि अब माहौल शांत है। इससे प्रतीत होता है कि एसपी आम जनता की शिकायतों पर कितना गंभीर है। 

बेहतर व्यवस्था ही इनकी दीवाली :-

सामान्यत: दीपावली पर्व पर लोग आनंद व उल्लास के साथ पर्व मनाते है, लेकिन लोगो की सुविधा बनी रही है। इसलिए यातायात पुलिस पर्व पर भी व्यवस्था बनाने जुटी रहती है। इस बार भी दीपावली पर्व के दौरान यातायात पुलिस बेहतर व्यवस्था के लिए हर संभव प्रयास करती रही और जब उनसे पूछा गया कि उनकी दीवाली कैसी रही तो कहते रहे कि बेहतर व्यवस्था रही। यही दिन की शुभ दीवाली रही। और इस व्यवस्था के लिए यातायात प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह व संतोष सिंह ने अपने स्टाफ के साथ मिल कर कोई कसर नहीं छोड़ी। 

नहीं पकड़ पाए जुआरी :-

दीपावली पर्व के पहले से ही जुआरी अपनी हाथ की खुजली मिटाने लगे हुए है। जो कि पर्व के बाद भी जुआ फड़ तलाश रहे है। पर्व के दौरान भी लाखों का जुआ चलता रहा। लेकिन कोतवाली पुलिस जुआरियों पर नकेल कसने नाकाम रही। ग्रामीण क्षेत्रो की पुलिस तो छुटपुट जुआरियों को पकड़ने में सफल भी रही। लेकिन सिटी पुलिस इस मामले में भी नाकामयाब रही। ऐसे में चर्चा होती रही है कि पिछले कई सालों से दीवाली के दौरान जब क्राईम ब्रांच जब अस्तित्व में हुआ करती थी, जुआरियों पर भारी पड़ती थी। लेकिन कोतवाली पुलिस असफल रही। इससे इस बात की चर्चा होती रही कि जब शहर के अधिकांश जुआरियों को जुआ खेले जाने की खबर थी तो पुलिस कैसे अंजान रही? 

पुलिस की मददगार :-

जब से सिक्योर सिटी के तहत सीसीटीवी कैमरे शहर में लगाए गए है। कई मामलो में पुलिस को सफलता मिली है। हाल ही में शांति कॉलोनी में हुई चोरी की वारदात का खुलासा करने एक बार फिर सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हुए। इसलिए एसपी लगातार सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आमजनता से कैमरे लगाने सहयोग की अपील करते रहे। और इसी का परिणाम है कि अपराधी पुलिस की तीसरी आंख से बच नहीं पा रहे है। 

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