जाति, लिंग के आधार पर भेदभाव का अंत हो : नायडू
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक जीवन में लोगों द्वारा जातिगत टिप्पणी सुनकर आहत होते हैं;
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक जीवन में लोगों द्वारा जातिगत टिप्पणी सुनकर आहत होते हैं। उपराष्ट्रपति ने देश में जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव का अंत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों के लिए किसी जाति पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाति समाज के लिए अभिशाप है।
वेंकैया नायडू डॉ. नगेंद्र सिंह अवार्ड अंतर्राष्ट्रीय शांति अवार्ड समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने चिन्मय मिशन को डॉ. नगेंद्र सिंह अवार्ड अंतर्राष्ट्रीय शांति अवार्ड प्रदान किया और मानवतावादी सेवा कार्यो के लिए मिशन की प्रशंसा की।
चिन्मय मिशन की स्थापना प्रख्यात वेंदात आचार्य स्वामी चिन्मयानंद के अनुयायियों ने 1953 में की थी।
चिन्मय मिशन आज दुनियाभर में आध्यात्मिक पुनर्जागरण का केंद्र बना हुआ है, जिसके माध्यम से व्यापक आध्यात्मिक, शैक्षणिक और परोपकारिता के कार्यकलापों का संचालन किया जाता है। वर्तमान में स्वामी स्वरूपानंद की अध्यक्षता में मिशन के कार्यो का संचालन मुंबई स्थित चिन्मय मिशन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। आज दुनियाभर में इसके 300 केंद्र हैं।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दिवंगत न्यायमूर्ति नगेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति और सदभाव को बढ़ावा देने के मकसद से 1982 में इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया (आईजीएसआई) की स्थापना की थी। उनके नाम पर आईजीएसआई द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जाता है।